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चट्टानों पर उभरी पुरासंपदा

समीक्षक

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मनुष्य का प्रारंभिक काल तथा प्राचीन जीवनशैली हमेशा से साइंसदानों की उत्सुकता का विषय रहा है। यह एक खोजपरक बात रही है कि शुरुआती जीवन में इंसान द्वारा बनाई गई कलाकृतियाँ, उसके द्वारा पत्थरों पर उकेरे गए चित्र तथा चट्टानों पर लिखी गई पुरातन लीपियाँ किन नए रहस्यों पर से पर्दा उठाती हैं। इसी कड़ी में बाँधवगढ़ की गुफाओं का खोजपरक अध्ययन प्रस्तुत करती यह पुस्तक रोचक तथ्यों से अवगत कराती है।

प्राकृतिक तथा पुरासंपदाओं के मामले में मध्यप्रदेश निश्चित ही धनवान है। न केवल वनसंपदा के मामले में बल्कि पुरातत्व के खजाने के रूप में भी मध्यप्रदेश अपने में काफी सारे रोचक रहस्यों को समेटे हुए है। यही कारण है कि पुरातत्ववेत्ताओं की रुचि हमेशा से इस क्षेत्र की ओर रही है तथा समय-समय पर यहाँ कई उत्खनन एवं शोध के जरिए इस प्राचीन खजाने को सामने लाने का काम किया जा रहा है।

प्रस्तुत पुस्तक से ऐसी कई जानकारियाँ पाठकों तक पहुँचती हैं जो मध्यप्रदेश तथा पुरासंपदा के नए रहस्यों को उद्घाटित करती हैं। शैलाश्रयों के रूप में बनी हुई बाँधवगढ़ की गुफाएँ अपने में कई तरह की रोचक चीजों को समेटे हुए हैं। चट्टानों को काटकर बनाए गए इन शैलाश्रयों में स्थित शिलालेखों का आकर्षण भी पुरातत्ववेत्ताओं को यहाँ खींच लाता है।

इन शिलालेखों पर ब्राह्मी लिपि में खुदे वर्णन कई रोचक बातों का खुलासा करते हैं। पुस्तक में शिलालेखों पर अंकित लिपियों का अध्ययन कर उनका संक्षिप्त वर्णन प्रस्तुत किया गया है जिससे उस काल के लोगों की जीवनशैली तथा कलात्मकता का परिचय मिलता है। यह किताब बाँधवगढ़ क्षेत्र से परिचय करवाने के अतिरिक्त वहाँ स्थित विभिन्न गुफाओं के शिलालेखों तथा भित्तिचित्रों आदि से रूबरू करवाती जाती है।

इससे प्राचीन भारत के कलात्मक पक्ष तथा उस काल में हुए प्रयोगों को जानने का मौका मिलता है। पुस्तक में विभिन्न अध्याय हैं जिनके जरिए प्राचीन अभिलेखों का सचित्र वर्णन प्रस्तुत किया गया है। लेखक स्वयं ब्राह्मी लिपि के जानकार हैं साथ ही उन्होंने गहन शोध के जरिए उक्त शिलालेखों का सरल अध्ययन प्रस्तुत किया है।

इससे पुरातत्व में रुचि रखने वालों को मार्गदर्शन तथा रोचक जानकारियाँ आसान भाषा में प्राप्त हो सकती हैं। चूँकि इस क्षेत्र तथा विषय से संबंधित ज्यादातर जानकारियाँ अँगरेजी भाषा की किताबों में उपलब्ध हैं अतः हिन्दी में इस पुस्तक का होना एक महत्वपूर्ण बात है।

साथ ही यह जानकारी पाने वालों तथा अन्य शोधकर्ताओं के लिए भी उत्साह का विषय है। शिलालेखों पर अंकित विभिन्न पंक्तियों का सरल भाषा में अनुवाद भी पुस्तक में उपलब्ध है। साथ ही विभिन्न संदर्भों के गहन शोध से भी कई जानकारियाँ प्राप्त करने में मदद मिलती है।


पुस्तक- बाँधवगढ़ के शैलाश्रय एवं शिलालेख
लेखक- डॉ. मंडन त्रिवेदी
प्रकाशक- महावीर एंड सन्स, नई दिल्ली
मूल्य- 200 रुपए

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