Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

हिन्दी दिवस कविता : राष्ट्रभाषा की दु:खभरी गाथा

Advertiesment
हमें फॉलो करें हिन्दी दिवस कविता : राष्ट्रभाषा की दु:खभरी गाथा
webdunia

संजय जोशी 'सजग'

राष्ट्रभाषा की व्यथा। 
दु:खभरी इसकी गाथा।।
 
क्षेत्रीयता से ग्रस्त है। 
राजनीति से त्रस्त है।।
 
हिन्दी का होता अपमान। 
घटता है भारत का मान।।
 
हिन्दी दिवस पर्व है। 
इस पर हमें गर्व है।। 
 
सम्मानित हो राष्ट्रभाषा। 
सबकी यही अभिलाषा।।
 
सदा मने हिन्दी दिवस। 
शपथ लें मने पूरे बरस।। 
 
स्वार्थ को छोड़ना होगा। 
हिन्दी से नाता जोड़ना होगा।।
 
हिन्दी का करे कोई अपमान। 
कड़ी सजा का हो प्रावधान।। 
 
हम सबकी यह पुकार। 
सजग हो हिन्दी के लिए सरकार।।

 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

मुहर्रम 2019 : ताजियों की परंपरा कैसे हुई शुरू, जानिए इसका इतिहास