Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

Childrens Day 2024 Essay: बाल दिवस पर रोचक निबंध

बाल दिवस पर 400 सरल शब्दों में हिन्दी निबंध

हमें फॉलो करें Childrens Day 2024 Essay: बाल दिवस पर रोचक निबंध

WD Feature Desk

, गुरुवार, 14 नवंबर 2024 (11:38 IST)
Bal Diwas Nibandh: हर साल 14 नवंबर को बच्चों के प्रिय चाचा नेहरू का जन्मदिन मनाया जाता है। नेहरू जी भारत के महान स्‍वतंत्रता सेनानी और स्वतंत्र भारत‍ के पहले प्रधानमंत्री थे। यहां पढ़ें पंडित जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन यानि बाल दिवस पर हिंदी में रोचक निबंध...
 
Highlights 
  • बाल दिवस पर अनूठा निबंध।
  • बाल दिवस पर 200 से 400 शब्दों में निबंध।
  • 10 लाइन में बाल दिवस पर निबंध। 
14 नवंबर 1889 को इलाहाबाद में पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्म हुआ था। देश की आजादी में उनका बड़ा योगदान रहा तथा उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में देश का उचित मार्गदर्शन किया था। प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू को बच्चों से बहुत प्रेम था। इसी कारण नेहरू जी के जन्मदिन को ही बाल दिवस के रूप में मनाते है। 
 
बाल दिवस बच्चों को समर्पित भारत का एक राष्ट्रीय त्योहार है। दरअसल सन् 1925 में बाल दिवस की नींव रखी गई थी, जब बच्चों के कल्याण पर 'विश्व कांफ्रेंस' में बाल दिवस मनाने की सर्वप्रथम घोषणा हुई। 1954 में दुनिया भर में इसे मान्यता मिली। नेहरू जी को बच्चों से बहुत प्यार था और बच्चे उन्हें 'चाचा नेहरू' कहकर पुकारते थे। 
 
बाल दिवस मनाने के उद्देश्य बच्चों के भविष्य के विषय में एक अच्छा कदम माना जा सकता हैं, क्योंकि आगामी पीढ़ी या बच्चे ही हमारे देश का भविष्य है। अत: उन्हें हमें हर क्षेत्र में आगे बढ़ा कर तथा अच्छे संस्कार देकर हम देश के उज्ज्वल भविष्य का निर्माण कर सकते हैं।

बाल दिवस उत्सव के इस खास मौके पर कविता-कहानियों का मंचन, नुक्कड़, भाषण, नाटिका आदि प्रस्तुत करके आम लोगों को शिक्षा तथा देश के ऐतिहासिक बातों से अवगत कराया जाता है। बाल दिवस बच्चों के लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन होता है। इस दिन स्कूली बच्चे अधिक खुश दिखाई देते हैं।

स्कूलों में बच्चे विशेष कार्यक्रम आयोजित करते हैं, वे सज-धज कर स्कूल जाकर अपने प्रिय चाचा नेहरू का स्मरण करते हैं तथा इस समय बाल मेलों का भी आयोजन किया जाता है, जिसमें बच्चे अपनी बनाई हुई वस्तुओं की प्रदर्शनी लगाते हैं तथा अपनी कला का प्रदर्शन दिखाते हैं।
 
दुनिया में भारत के आगे बढ़ते और बदलते दौर में हमें बच्चों से अधिक श्रम करवाने के बजाय उन्हें पढ़ा-लिखा कर अच्छा भविष्‍य निर्माण करने की ओर अग्रसर करना चाहिए तथा उनकी शिक्षा के साथ ही अच्छे संस्कार तथा भाईचारे की भावना को बढ़ावा देना चाहिए, तभी हमारा बाल दिवस मनाना उचित होगा और हम अपने बच्चों का भविष्य उज्ज्वल करके चाचा नेहरू के प्रिय रहे 'बच्चों' के प्रति अपना सही दायित्व निभा सकेंगे और आने वाले समय में दुनियाभर भार‍त की आन-बान-शान बनाए रखने के लिए उन्हें तैयार कर सकेंगे। 
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

हर दिन होती है वेजाइना में खुजली? इन 3 असरदार घरेलू उपायों से पाएं राहत