सुरभि भटेवरा
वैक्सीन आपके शरीर को किसी संक्रमण से बचाती है। वायरस, गंभीर बीमारी या पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही बीमारी से लड़ने में आपकी सहायता करती है। इसे लगाने से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है। इससे आप बीमारी से लड़ने में कामयाब होते हैं। वैक्सीन लगाने से इम्यून सिस्टम संक्रमण को पहचानने के लिए बूस्ट करता है... उसके खिलाफ शरीर में एंटीबॉडी बनते हैं जो बाहरी बीमारी से लड़ने में हमारे शरीर की मदद करते हैं और हम बीमारी की चपेट में आने से बच जाते हैं।
अमेरिका के सेंटर ऑफ़ डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार वैक्सीन बहुत प्रभावशाली होती है। हालांकि यह किसी बीमारी का इलाज नहीं करती है, बल्कि उन्हें होने से जरूर रोकती है। वैक्सीन किसी भी बीमारी से लड़ने के लिए आपके शरीर के इम्युनिटी लेवल को बूस्ट करती है।
कैसे बनती है वैक्सीन
वैक्सीन में मरे हुए बैक्टरिया, कुछ प्रोटेम और वायरस होते हैं जिन्हें बॉडी में डाला जाता है। इसके बाद बॉडी को लगता है कि असल विरोधी आ गया है तो वह एंटीबॉडी बना लेता है। फिर जब भी असल बैक्टरिया आते हैं तो एंटी बॉडी आपकी बॉडी में पहले से ही मौजूद होते हैं। जब छोटे बच्चों को टीका लगाया जाता है तब उसे हल्का बुखार आता है। इसका मतलब हुआ टीका अपना काम कर रहा है और एंटी बॉडी बना रहा है। वैक्सीन का काम होता है लोगों को बीमारी होने से बचाएं। ये बीमारी होने के बाद की दवा या इलाज नहीं है।
जैसे निमोनिया, पोलियो का वैक्सीन भी बच्चों को पहले से ही लगाया जाता है।
वैक्सीन सुरक्षित होती है?
चीन में 1786 में एक परीक्षण किया गया था। इसके बाद से वैक्सीन शब्द का प्रचलन हुआ। वैक्सीन को आज के वक्त सबसे बड़ी उपलब्धियों में गिना जाता है। डब्ल्यूएचओं के मुताबिक वैक्सीन से एक साल में करीब 30 लाख लोगों की जान बच जाती है। वह वैक्सीन तभी बाजार में आती है जब उन्हें स्थानीय दवा नियामकों से अनुमति मिलती है। चेचक जैसी बीमारी को आज टीका से मात दे दी गई और इस बीमारी को जड़ से खत्म कर दिया। हालांकि कई बार वैक्सीनेशन का प्रयोग करने में भी सालों लग जाते हैं।
कोरोना वायरस को लेकर पूरी दुनिया में शोध जारी है। वर्तमान में स्थिति के अनुसार वैज्ञानिक भी दावा नहीं कर सकते है कि यह बीमारी कब और कैसे खत्म होगी। इसकी पर्याप्त वैक्सीन खोजने में महीने या सालों भी लग सकते हैं।
वैक्सीन के क्या फायदे हैं
वैक्सीन आपकी बॉडी में एंटी बॉडीज पैदा करती है। इसे लगाने से आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। इसे बीमारी की जकड़ में आने से पहले लगाया जाता है। कोरोना वैक्सीन इस बात का सबसे बेहतरीन उदाहरण है। डॉक्टर्स द्वारा यह सुझाव दिया जा रहा है कि वैक्सीन सभी को लगा लेना चाहिए। अगर आप कोरोना संक्रमित भी होते हैं तो आपको हॉस्पिटल में एडमिट होने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आप घर पर ही ठीक हो सकते हैं। इसे लगाने से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है। यह बीमारी का इलाज नहीं करता बल्कि उस बीमारी को रोकने में मदद करता है।
वैक्सीन के निर्यात पर लगाई रोक
भारत में कोवैक्सीन और कोविशील्ड वैक्सीन निर्मित की जा रही है। लेकिन कोरोना संक्रमण का खतरा अधिक बढ़ रहा है। लोगों को वैक्सीनेशन के प्रति जागरूक कर वैक्सीन लगाने की सलाह दी जा रही है। ऐसे में भारत में वैक्सीन की खपत तेजी से बढ़ रही है। हालांकि वैक्सीन निर्यात करने का असर अब भारत पर पड़ता दिख रहा है। कई राज्यों में वैक्सीन की उपलब्धता खत्म हो गई थी। जिसे लेकर अब कुछ दिनों के लिए वैक्सीन के निर्यात पर रोक लगा दी गई है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार भारत ने 76 देशों में करीब 6 करोड़ डोज भेजे जा चुके हैं। सूत्रों के घरेलू मांग को प्रथामिकता में रखते हुए वैक्सीन के निर्यात पर रोक लगाने का निर्णय लिया गया है।
उपसंहार - वैक्सीन बचपन में भी लगाया जाता था ताकि निमोनिया जैसी बीमारी से बचा जा सके। टीका लगाने के बाद आपको बुखार आता है क्योंकि आपकी बॉडी में एंटीबॉडी बनती है और बीमारी आने पर वह तैयार रहती है। बीमारी को रोका जा सके। इसलिए वैक्सीन लगाया जा रहा है। वैक्सीन लगाने के दौरान आपको बुखार भी आता है। ऐसा बच्चों को टीका लगाने पर भी होता है और वर्तमान में टीका लगाने पर भी हो रहा है। इसका मतलब होता है वैक्सीन काम कर रहा है।