कोरोना काल में हम काम वाली बाई बन गए, धोबी वाले भैया हैं, पानीपूरी वाले भैया बन गए, वडापाव वाले भी हम ही हैं। केक भी हम बैक कर रहे हैं, शेफ भी हम बन चुके हैं। बच्चों का हेयरकट भी हमने किया, बच्चों को पढ़ा भी लिया, इलेक्ट्रिशियन का काम भी किया, प्लंबर का काम भी किया, पार्लर का काम भी घर से ही किया, फेसमास्क भी खुद ही बना लिया, फ्लॉवर पॉट में धनिया और मेथी भी उगा लिए .. . .
अब इससे ज्यादा आत्मनिर्भर हुए ना तो
आत्मा अलग और निर्भर अलग हो जाएगा....