एक बार दोनों रमन और चमन टैक्सी स्टैंड पर बैठे बातें कर रहे थे कि,
तभी एक विदेशी उनके पास पहुंचा और उनसे अंग्रेजी भाषा में कुछ पूछा....
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रमन-चमन बेवकूफों की तरह विदेशी का चेहरा देखते रहे।
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अब विदेशी समझ गया कि दोनों को अंग्रेजी नहीं आती।
अब उसने वही प्रश्न उनसे स्पेन की भाषा स्पेनिश में पूछा।
..... रमन-चमन दोनों फिर बेवकूफों की तरह विदेशी का चेहरा देखते रहे।
..... फिर तीसरी बार विदेशी ने वही प्रश्न उनसे रूस की भाषा रशियन में पूछा।
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तब भी दोनों का वही हाल रहा।
...... चौथी बार उस विदेशी ने वही प्रश्न उनसे जर्मनी की भाषा जर्मन में पूछा।
दोनों फिर वैसे ही उसका चेहरा ताकते रहे।
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तंग आकर आखिर वह विदेशी वहां से चला गया।
उसके जाने के बाद रमन, चमन से बोला-
'यार, हम लोगों को भी अन्य कोई दूसरी भाषा सीखनी चाहिए।
हमारे काम आएगी।'
एक जोर का थप्पड़ चमन ने रमन को लगाया और बोला-
...साले, उसको चार-चार आती थी,
बता उसके कोई काम आई?
उस विदेशी ने तो बेवकूफी की हद कर दी।