मोबाइल की स्थिति कुंभ मेले जैसी हो गई है,
चारों तरफ अखाड़े ही अखाड़े (ग्रुप ही ग्रुप)
किसी में एक तो किसी में 2-3-4 महंत(Admin) हैं
कुछ साधु नियमित प्रवचन करते हैं,
कुछ हफ्ते में 1-2 बार
और
कुछ साधु तो ऐसी कठिन साधना में लीन बैठे हैं
जो प्रवचन भी नहीं करते और दर्शन भी नहीं देते हैं!!