पत्नी - क्यों जी, गेहूं कहां पिसवाया आपने?
गुप्ता जी (सहमकर) - हमेशा वाली जगह पर।
पत्नी - तो गेहूं देकर कहीं सैर सपाटा करने चले गए होंगे?
गुप्ता जी - कहीं तो नहीं गया, वहीं रूका था।
पत्नी - ध्यान कहां रहता है आपका... आती-जाती औरतों को देखते होंगे, खूब जानती हूं आपको।
गुप्ता जी (अब पूरी तरह घबराकर) - सच में वहीं सामने खड़े होकर आटा पिसवाया।
पत्नी - झूठ मत बोलो, पूरा ध्यान व्हाट्सएप में होगा, बहुत दिनों से देख रही हूं घर के काम में आपका बिल्कुल ध्यान नहीं रहता।
गुप्ता जी - नहीं, ऐसा कुछ भी नहीं है, बताओ तो हुआ क्या?
पत्नी - रोटियां कैसे जल गईं फिर...!!!
गुप्ता जी को 4 घंटे बाद अभी होश आया...