घोंचूजी ने मरते समय अपनी बीवी से कहा- तेरी अलमारी से सोने के गहने मैंने ही चोरी किए थे।
बीवी (रोते हुए)- कोई बात नहीं जी, आप टेंशन ना लो...!
घोंचूजी- एक लाख रुपए, जो तेरे भाई ने तुझे दिए थे वह भी मैंने ही गायब किए थे।
बीवी (रोते हुए)- कोई बात नहीं जी, मैंने आपको माफ कर दिया।
घोंचूजी- तेरी कीमती साड़ियां भी मैंने चोरी करके अपनी प्रेमिका को दे दी थी...।
बीवी- कोई बात नहीं जी...! आपको जहर भी तो मैंने ही दिया था...। हो गई बात बराबर...।