रामायण में एक पात्र था ?
बाली
बाली के सामने जो भी जाता उसका आधा बल बाली में चला जाता है
मुझे तुरंत से याद आय़ा की ऐसा तो बिल्कुल मेरे साथ भी होता है।
क्योंकि जैसे ही घरवाली के सामने जाता हूं
वैसे ही काफी कमजोरी सी लगने लगती है औऱ चक्कर भी आने लगते हैं
ऐसा लगता कि बाली कहीं न कहीं इस युग में
घर वाली के रुप में अवतरित हो गए हैं
एक पति की आत्मकथा