मेट्रो में कन्या ने अपना मोबाइल चार्जिंग में लगाया...
और कंधे से दबाकर मोबाइल पर बात भी करने लगी...
बैग से लैपटॉप निकाला...
उस पर भी दो-तीन बार अंगुलियां फिराईं...
फ़िर बैग से फ़्वॉइल पेपर में लिपटा पराठा और अचार निकालकर खाना शुरू किया...
पानी की बॉटल भी निकालकर रख ली...
बीच-बीच में लैपटॉप पर अंगुली घुमा भी देती...
और मोबाइल पर बात तो लगातार कर ही रही थी...
सामने खड़े Gupta ji उसको बड़ी हैरत से देख रहे थे...
अनायास ही उसके पैरों में गिर पड़े और उनके मुंह से निकला -
जय हो अष्टभुजा देवी..!