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यह है ठहाकेदार जोक : पितृभाषा क्यों नहीं?

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हिन्दी हमारी मातृभाषा है, पितृभाषा क्यों नहीं?
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क्योंकि माताजी ने पिताजी को कभी बोलने ही नहीं दिया।

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