गुप्ता जी : एक बार मैं अपनी सुंदर पड़ोसन के साथ पार्क में गया। हम एकांत में बैठे।
वो बोली : क्या करें ?
गुप्ता जी : मैंने कहा, एक चुटकुला सुनो।
*चुटकुला*
एक सन्यासी मन्दिर में सो रहा था। रात को एक सुंदरी आकर उसके पास लेट गई।
सुबह को सन्यासी पछताया।
जाकर अपने गुरु से पूछा : बताइए, प्रायश्चित कैसे होगा ?
गुरु ने पूछा : तुमने सुन्दरी के साथ कुछ किया भी था ?
सन्यासी ने कहा : नहीं।
गुरु बोले : दस दिन तक सुबह उठकर घास चरो।
सन्यासी ने पूछा : ऐसा क्यों ?
गुरु ने कहा : इसलिए कि तुम गधे हो।
*(समाप्त)*
गुप्ता जी : मेरी पड़ोसन खूब हंसी। बहुत देर बाद हम दोनों उठकर जाने लगे। जाते-जाते उसने मुझे 100 रुपए दिए।
गुप्ता जी : मैंने पूछा, चुटकला पसंद आया, इसलिए रुपए दे रही हो ?
वो बोली :नहीं
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*घास खरीदने के लिए...