एक नव नियुक्त मैनेजर को पुराने मैनेजर ने जाते जाते तीन बन्द लिफाफे दिये, जिन पर क्रमशः 1, 2 और 3 की संख्या लिखी थी और कहा:- जब कभी भी तुम्हें इस कार्यालय में कोई बड़ी समस्या आ जाए तो ये एक नंबर का लिफाफा खोलना और जब कभी दूसरी बड़ी समस्या आ जाए तो ये दो नंबर का लिफाफा खोलना और जब कभी तुम्हें तीसरी बड़ी समस्या आ जाए तो ये तीन नंबर का लिफाफा खोलना....
नव नियुक्त मैनेजर ने खुश होकर हामी भरी और तीनों लिफाफों को संभाल कर रख लिया
काफी समय के बाद हेड ओफिस ने बिजनेस नहीं बढ़ने पर काफी कड़ा पत्र लिखा
मैनेजर साहब को कुछ सूझा नहीं कि मैनेजमेंट को क्या जवाब दें तभी उन्हें याद आया और उन्होंने लिफाफा नंबर एक खोला.....अंदर जो लेटर निकला उस पर लिखा था.......
अपना सारा दोष पुराने मैनेजर के माथे डाल दो कि उसने कुछ किया नहीं, अतः वह नये सिरे से सब ठीक कर रहा है..
मैनेजर साहब ने वैसा ही किया और समस्या टल गई कुछ महीनों बाद फिर वैसा ही पत्र आया कि टारगेट पूरे नहीं हो रहे हैं,क्यों ना आपके विरूद्ध कोई कार्यवाही की जाए
घबराकर मैनेजर साहब ने लिफाफा नंबर दो खोला,उसमें लिखा था.....
स्टाफ बराबर काम नहीं करते,वह कुछ को हटा रहा है व कुछ का यहां से ट्रान्सफर कर रहा है,कार्यालय में बेहतरी के लिए भारी परिवर्तन करना जरूरी है,ऐसा लिख दो।
मैनेजर साहब ने वैसा ही किया और मुसीबत फिर टल गई...कुछ समय पश्चात फिर प्रधान कार्यालय द्वारा बिजनेस नहीं बढ़ने पर भारी चिन्ता व्यक्त की गई औऱ बताया गया कि चेयरमैन साहब भी बहुत नाराज हैं....
अब मैनेजर को तीसरे लिफाफे की याद आई। लिफाफा नंबर तीन खोला तो उसमें लिखा था.....
अब तुम भी तीन लिफाफे बना लो........!