सुबह उठते ही चाय बनाई...…बर्तन धोए।
नहाने के बाद चाय नाश्ता किया........बर्तन धोए।
खाना बनाया, खाना खाया........बर्तन धोए।
दोपहर हुई थोड़ा आराम किया,चाय बनाई.....बर्तन धोए।
शाम हुई थोड़ा चटपटा खाया,चाय पी......बर्तन धोए।
नाइट डिनर लिया.......बर्तन धोए।
ये बर्तन धोना तो आरती करते समय हर 2 लाइन गाने के बाद जयदेव जयदेव कहने जैसा हो गया है...