शर्माजी ने सुनने की नई मशीन लगवाई। नई मशीन बहुत छोटी थी और आसानी से दिखती नहीं थी।
एक हफ्ते बाद वह डॉक्टर के पास पहुंचा....
डॉक्टर: कैसी चल रही है नई मशीन...?
शर्माजी : बढ़िया. अब मैं अपने घर और बाहर रिश्तेदारों की सारी बातें अच्छे से सुन सकता हूं....
डॉक्टर: तब तो आपके रिश्तेदार बहुत खुश होंगे...
शर्माजी : नहीं, मैंने उन्हें बताया नहीं है, मैं पहले की तरह बैठा रहता हूं और वे लोग मुझे बहरा समझकर बात करते रहते हैं।
अब पिछले एक हफ्ते में मैं तीन बार अपनी वसीयत बदल चुका हूं...!!!