ठाकुर साहेब रोज बार में जाते और तीन गिलास बियर मंगवाते वो तीनों गिलास से एक एक सिप पीते खत्म होने तक।
एक दिन वेटर से रहा नहीं गया। उसने पूछा की हुकुम आप तीन गिलास क्यों मंगवाते हैं? आप एक गिलास से भी पी सकते हो ?
ठाकुर साहेब उदास होते हुए बोले की हम तीन बचपन के दोस्त हैं। पर बहुत दूर दूर रहते हैं। इसलिए दो गिलास उनके और एक मेरे लिए मंगवाता हूं। ऐसा लगता है की वो मेरे पास है और हम साथ में पी रहे हैं। कुछ सालों के बाद अचानक एक दिन ठाकुर साहेब ने केवल दो गिलास बियर मंगवाई... वो बहुत उदास नजर आ रहे थे।
केवल दो गिलास में से सिप कर के पी रहे थे। वेटर ने सोचा की शायद एक दोस्त निपट गया। वेटर सांत्वना देने के लिए पास पंहुचा। वेटर ने पूछा की हुकुम आपके एक दोस्त को क्या हुआ?आज केवल दो गिलास ही क्यों मंगवाए।
ठाकुर साहेब ने बड़ी मायूसी से जवाब दिया... मेरे दोनों दोस्त बिलकुल ठीक-ठाक है पर मैं शनिवार को नहीं पीता!