40 पार करने के बाद तो किसी काम में मन नहीं लगता।
घर के बाहर जाना भी अच्छा नहीं लगता।
30-32 में तो अच्छा लगता था। कहीं भी,कभी भी निकल जाओ,कुछ थकावट नहीं रहती थी। मन में उत्साह रहता था।
20-25 में तो बहार रहती थी। life का मजा ही कुछ और था। मौज,मस्ती,घूमना। कोई घबराहट नही।
45 पार में ना जाने क्या होगा??? यह सोचकर ही घबराहट होती है। डर लगता है। उम्र की बात नहीं। तापमान की बात कर रही हूं।