समय रात 1.30 बजे का
दिन
अमावस का
सुनसान सड़क
कुत्ते भौंक रहे थे
डरावना वातावरण था
सभी घरों की लाइट बंद थी
कुछ स्ट्रीट लाइट ही चालू थी
और मैं अकेला घर जा रहा था...
पैदल पैदल
मन ही मन हनुमान चालीसा पढ़ रहा था...
मेरे शरारती दिमाग में एक idea आया
ज़ोर से चिल्लाया....
ताजा नींबू....
10 रुपये किलो...
फटाफट सभी घरों की Light जलने लगी....
और मैं.....
निश्चिंत होकर घर पंहुच गया... कहानी समाप्त।