एक सीधा-सादा सब्जी वाला सोसायटी में सब्जी बेचता था।
बहुत सारी औरतें उससे उधार सब्ज़ियां लेती थी,
और वो चुपचाप बिना किसी नखरे के उनको दे देता था।
फिर अपनी कॉपी में लिख लेता था किसने कितना देना है और किसका बकाया है।
पर हैरानी की बात है वो किसी का नाम भी नहीं जानता था...
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हां ! पर पूछने पर सबको बिल्कुल सही हिसाब-किताब बताता था।
एक दिन उसकी कॉपी औरतों ने छुपा ली, सिर्फ यह देखने के लिए कि वह हिसाब-किताब कैसे रखता है ?????
जब उन्होंने कॉपी खोल कर पढ़ीं, तो मुंह खुले के खुले रह गए...
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खाता ऐसे लिखा था-
बिल्ली जैसी आंख वाली 20 रु
दबी नाक 18 रु
सड़ी शक्ल 15 रु
हूरपरी 90 रु
महाकंजूस 42 रु
गौरी पंजाबन 34 रु
पतली कमर 40 रु
भूरी भैंस 45 रु
मोरनी चाल 20 रु
कलूटी 51 रु
मोटी मंगती 78 रु
जाटनी 49 रु
मेरी जान 33 रु
हिली हुई 25 रु
रामू की जान 35 रु
नकचढ़ी 12 रु
ऊंचे दांत 10 रु
आग का गोला 75 रु
रोतली सूरत 15 रु
440 वोल्ट 28 रु
झगड़ालू 46 रु
झांसी की रानी 62 रु
भुक्कड़ 30 रु
बिजली का खंभा 81 रु
गेली 15 रु
कचरा 40 रु
काली वाली जाड़ी 45 रु।