पिता (पेड़ पर चढ़े अपने पुत्र से)- आजा बेटा! मेरी बाँहों में कूदो मैं तुम्हें संभाल लूँगा।
पुत्र- जी डैडी...! जैसे ही पुत्र ने पेड़ से छलाँग लगाई पिता परे हट गए और पुत्र की गिरने के कारण टाँग टूट गई।
पिता- अबे गधे... तुम्हें कितनी बार समझाऊँ कि दुनिया में किसी पर भी, कभी भी भरोसा नहीं करना चाहिए। चाहे वो बाप हो या बेटा।