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बगैर नाम के होगा संकुल लोकार्पण?

अभा कालिदास समारोह आरंभ

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साहित्य और संस्कृति के प्रतिष्ठापूर्ण आयोजन अभा कालिदास समारोह का उद्घाटन 29 अक्टूबर को हुआ। कार्यक्रम के दौरान आठ दिवसीय सारस्वत आयोजन भी होंगे। 52वें अभा कालिदास समारोह का उद्घाटन अपरान्ह 4 बजे भरत विशाला कालिदास संस्कृत अकादमी में संस्कृति मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा के मुख्य आतिथ्य में हुआ। प्रभारी मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, खाद्य एवं आपूर्ति राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पारस जैन विशेष अतिथि के रूप में मौजूद थे। सारस्वत अतिथि प्रो. राधावल्लभ त्रिवेदी रहे। इसमें 'विक्रमोर्वशीयम्‌' अनुप्राणित चित्र एवं कलाकृतियों प्रदर्शनी भी प्रारंभ हुई।

उधर कालिदास संस्कृत अकादमी परिसर में नवनिर्मित संकुल के नामकरण को लेकर संशय बढ़ गया है। इसका लोकार्पण अभा कालिदास समारोह के समापन अवसर पर 4 नवंबर को होना है। नाम तय नहीं होने के कारण शिलालेख का निर्माण रोक दिया गया है। प्रश्न यही तैर रहा है कि क्या संकुल का लोकार्पण बगैर नामकरण के होगा।

तकरीबन एक करोड़ रुपए की लागत से तैयार संस्कृति संकुल की आधारशिला 18 नवंबर-05 को तत्कालीन मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर ने रखी थी। इस अवसर पर उन्होंने संकुल का नाम पं. सूर्यनारायण व्यास पर करने की घोषणा भी की थी।

इस वर्ष भवन पूर्ण हो जाने के बाद इसके नामकरण की चर्चा चली तो पता लगा कि सरकार ने सांस्कृतिक संकुल का नाम शाकुंतलम्‌ तय कर दिया है। इसके विरोध में व्यापक स्वर उठे। नतीजतन, सरकार नामकरण को लेकर संशय में पड़ गई है। 4 नवंबर को भवन के लोकार्पण के साथ इसके शिलालेख का भी अनावरण होगा। भवन का निर्माण उज्जैन विकास प्राधिकरण द्वारा किया गया है।

लोकार्पण शिलालेख का निर्माण भी उविप्रा द्वारा ही किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार समापन समारोह एवं संकुल लोकार्पण में आने वाले अतिथियों के नाम लगभग तय हो चुके हैं, किंतु संकुल के नामकरण को लेकर खींचतान की स्थिति बनने से यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि शिलालेख पर संकुल के किस नाम का उल्लेख किया जाए। फलस्वरूप शिलालेख अभी तैयार नहीं किया जा रहा है। उविप्रा के अधीक्षण यंत्री वीके तिवारी के अनुसार नामकरण का मामला शासन स्तर पर लंबित है। ऐसे में जैसे निर्देश मिलेंगे, उस अनुसार शिलालेख पर नाम अंकित किया जाएगा।

रखें किराया अलग-अल
एक करोड़ की लागत से निर्मित संकुल की आंतरिक साज-सज्जा बहुत ही आकर्षक तरीके से की गई है। सभागृह भी पूर्ण वातानुकूलित और इको साउंड प्रूफ है। कलेक्टर अजातशत्रु ने नवनिर्मित संकुल का निरीक्षण कर उविप्रा के कार्यों की सराहना की। भविष्य में संकुल को साहित्यिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए किराए पर भी उपलब्ध कराए जाने की योजना है। निरीक्षण के दौरान किराए की बात आई तो सुझाव यह दिया गया कि सभागृह वातानुकूलित है। इसका दुरुपयोग नहीं हो, इस पर भी विचार किया जाना चाहिए। इसके लिए अच्छा यही होगा कि एसी और नॉन एसी के लिए अलग-अलग किराया दर रखी जाए।

राजनाथसिंह-मुख्यमंत्री अतिथि!
अभा कालिदास समारोह के समापन में भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथसिंह, मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के आने की संभावना है। तय कार्यक्रम के अनुसार समापन पर आने वाले अतिथि ही संकुल का लोकार्पण करेंगे। दोनों अतिथियों का अधिकृत कार्यक्रम जारी नहीं हुआ है।

संस्थापक के नाम में संशय?
यह उज्जैनवासियों सहित समस्त बुद्धिजीवियों के लिए शर्म की बात है कि जिस शख्स ने उज्जैन का सांस्कृतिक गौरव बढ़ाने के लिए समारोह को अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति दिलाई, उसी के नाम पर संकुल निर्माण करने में स्थानीय स्तर पर निम्नस्तरीय राजनीति खेली जा रही है। पंडित सूर्यनारायण व्यास, जीवन भर निर्विवाद रहें लेकिन उनके नाम पर हो रहे विवाद से साहित्यप्रेमियों में क्षुब्धता है।

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