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मिल्टन और पैराडाइज़ लॉस्ट

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अंग्रेज़ी साहित्य जॉन मिल्टन की विश्व प्रसिद्ध रचना पैराडाइज़ लॉस्ट के बिना अधूरा ही है। मिल्टन ने पैराडाइज़ लॉस्ट से पूरी दुनिया में पहचान पाई लेकिन उनकी इस  कृति से जुड़ी कई बातें हैं, भ्रांतियां हैं, जिनके बारे में लोगों ने शोध भी किए हैं।

कई जानकार ऐसा मानते हैं कि विलियम शेक्सपीयर और जॉन मिल्टन अंग्रेजी साहित्य के दो मजबूत स्तंभ हैं। मिल्टन को पैराडाइज़ लॉस्ट से ख्याति मिली लेकिन  साथ ही कुछ विवाद भी जुड़ गए। हालांकि इनका कोई आधार अब तक सामने नहीं आया है।

मिल्टन अपनी सबसे अनुपम कृति पैराडाइस लॉस्ट के छह साल पहले ही अंधे हो चुके थे। मिल्टन की आंखों की रोशनी ग्लूकोमा नाम की बीमारी के इलाज न होने के  चलते लगातार कम होती जा रही थी और फरवरी 1652 आते आते उन्हें पूरी तरह से दिखना बंद हो गया। फिर मिल्टन ने अंधत्व में पैराडाइज़ लॉस्ट की रचना किस तरह  की?

कुछ लोगो क मानना है कि मिल्टन ने पैराडाइस लॉस्ट अपनी तीन बेटियों को सुनाया और उन्होंने इस महान रचना को लिपिबद्ध किया, जबकि कुछ विद्वानों का मानना है  कि मिल्टन ने कुछ नौकर रखे थे। एक विद्वान के अनुसार मिल्टन की बेटियां उसे पैराडाइस लॉस्ट पढ़कर सुनाती थीं। जॉन मिल्ट्न के समय इंग्लिश समाज मे धार्मिक  बदलावों के साथ साथ शासन सम्बन्धि बदलाव हो रहे थे। पैराडाइस लॉस्ट मे ये दोनो पहलू उभर के आते हैं।

पैराडाइस लॉस्ट उस समय की सामाजिक परिस्थितियों को बेहतरीन तरीके से पेश करता है। मिल्टन ने धर्म और शासन को पैराडाइस लॉस्ट मे मुख्य विषय के तौर पर चुना है। यह  मिल्टन के खुले, आत्मविश्वास से भरे और समाज को खुद के तरीके से देखने के गुणो से भरा हुआ है।

पैराडाइस लॉस्ट विभिन्न व्याख्यानों को जन्म देता है। प्रसिद्ध कवि और समालोचक विलियम ब्लैक ने लिखा है कि पैराडाइस लॉस्ट मे सैटन के संवाद खुद भगवान से  ज्यादा शक्तिशाली और सटीक है। ऐसा लगता है जैसे मिल्टन ने बिना किसी योजना के सैटन का पक्ष ले लिया हो। पैराडाइस लॉस्ट के कई संवादों ने अंग्रेज़ी साहित्य में  हमेशा के लिये अपना स्थान बना लिया है और लोग अपनी बात कहने मे इन संवादों का इस्तेमाल भी करते हैं। मिल्टन के रचनाओं से भाषा और प्रेस की स्वतंत्रता को  बढ़ावा मिलता है। हालांकि समालोचक उनकी रचनाओं के विषय मे अलग अलग राय व्यक्त करते रहे हैं।

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