Hanuman Chalisa

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

राष्ट्रकवि दिनकर के लिए 'भारतरत्न' की मांग

Advertiesment
हमें फॉलो करें Dinkar

भाषा

राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर को साहित्य में उनके योगदान को देखते हुए मरणोपरांत भारतरत्न से सम्मानित करने की मांग की गई। 

रामधारी सिंह दिनकर की दो महत्वपूर्ण कृतियों ‘संस्कृति के चार अध्याय’ और ‘परशुराम की प्रतीक्षा’ के स्वर्ण जयंती वर्ष के अवसर पर यहां आयोजित समारोह में सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री सीपी ठाकुर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में सरकार से भारतरत्न के लिए दिनकर के नाम पर विचार करने का आग्रह किया।
 
कार्यक्रम की आयोजन समिति के अध्यक्ष सीपी ठाकुर ने कहा दिनकरजी की कविताओं में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की प्रखरता है, विशेष रूप से ‘संस्कृति के चार अध्याय’ में उन्होंने संपूर्ण भारत के इतिहास को रेखांकित किया।
 
उन्होंने इसके माध्यम से भारत में सांस्कृतिक चेतना को जगाने का काम किया। ‘परशुराम की प्रतीक्षा’ से  उन्होंने 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद भारतीयों की चेतना को जगाने का काम किया।
 
उन्होंने हिन्दी के विकास में दिनकर के योगदान की चर्चा करते हुए सरकार से इसे बढ़ावा देने पर बल देने की अपील की। गीतकार प्रसून जोशी ने समारोह में दिनकर की कुछ कविताओं का पाठ किया।
 
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आज के समय में हिन्दी का मान बढ़ाने वाला व्यक्तित्व बताया तथा ‘संस्कृति के चार अध्याय’ को हिन्दी की बेजोड़ रचना बताते हुए सभ्यता और संस्कृति के संबंध में इस किताब के महत्व को रेखांकित किया।
 
समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिनकरजी के परिवार के सदस्यों को शॉल भेंट कर उनका सम्मान किया।
 
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, राधामोहन सिंह और गिरिराज सिंह, भाजपा नेता सुशील  कुमार मोदी समेत बिहार भाजपा के कई वरिष्ठ नेता और साहित्यकार उपस्थित थे। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi