Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

सिंधी भाषा के बारे में 10 रोचक तथ्य

कितनी प्राचीन है सिन्धी भाषा, किस प्रांत में बोली जाती है?

हमें फॉलो करें सिंधी भाषा के बारे में 10 रोचक तथ्य

WD Feature Desk

, शनिवार, 24 फ़रवरी 2024 (15:17 IST)
History of Sindhi Language: सिंधी भाषा अखंड भारत की प्राचीन भाषा है। यह मूलत: सिंध प्रांत की भाषा है। इस भाषा का प्राचीन इतिहास रहा है। भारत और पाकिस्तान में इस भाषा को बोलने वालों की संख्या अधिक है। आओ जानते हैं सिन्धी भाषा के संबंध में 10 रोचक तथ्य। 
 
1. सिंधी भाषा द्रविड़ भाषाओं की ग्रुप की भाषा है। सिंधी भाषा भारतीय-आर्य भाषाओं के पश्चिमोत्तर समूह की भाषा है।
 
2. सिंधी भाषा की उत्पत्ति वेदों के लेखन या सम्भवत: उससे भी पहले सिन्ध क्षेत्र में बोली जाने वाली भारतीय-आर्य बोली या प्राकृत भाषा से हुई है। प्राचीन सिंधी भाषा में संस्कृत और प्राचीक ने शब्द बहुतायत होते थे।
 
3. प्राकृत परिवार की अन्य भाषाओं की तरह सिंधी भी विकास के प्राचीन भारतीय-आर्य (संस्कृत) व मध्य भारतीय-आर्य (पालि, द्वितीयक प्राकृत तथा अपभ्रंश) के दौर से गुजरक एक परिपक्व भाषा बनी। संस्कृत और प्राकृत सिन्धी ज़बान की बुनियाद रही हैं।
 
5. भाषा का विक्रतिकरण तब प्रारंभ हुआ जब बाहरी लोगों का आक्रमण बढ़ा। लगातार, तुर्क, ईरान और अरब के आक्रमणों के चलते इस भाषा की लिपि भी बदली और इसमें अरबी एवं फारसी शब्दों की संख्‍या भी बढ़ती गई। 
 
6. सिंधी भाषा मुख्यत: दो लिपियों में लिखी जाती है, अरबी-सिंधी लिपि तथा देवनागरी-सिंधी लिपि। परंतु इसकी मूली लिपि 'सिंधी' ही है, जिसकी उत्पत्ति आद्य-नागरी, ब्राह्मी और सिंधु घाटी लिपियों से हुई है।
 
7. जब से भारत का बंटवारा हुआ है सिंध प्रांत ही नहीं पाकिस्तान के हर प्रांत पर ऊर्दू भाषा और अरबी लिपि को थोपा गया जिसके चलते वहां की मूल भाषा अब लुप्त होने की स्थिति में ही। पाकिस्तान की चाहें सिंधी भाषा हो, पंजाबी हो या पख्‍तून। सभी भाषाएं अब पहले जैसी नहीं रही, उनमें फारसी और अरबी के शब्दों की भारमार हो चली है। बंटवारे ने जब इंसानी बस्तियों को अपनी जड़ों से बेदखल किया, तो इसमें नदी, नाले, इमारतें और दरख़्त तो वहीं रह गए, मगर ज़बान इंसान के साथ साथ चली आई तभी आज भारत में सिंधि और पंजाबी बच गई।
 
8. कहते हैं कि सिंध भाषा का जुड़ाव भी महाभारत काल के सिंधु देश और सिंधु घाटी की हड़प्पा और मोहनजोदड़ो संस्कृति से रहा है। सिन्धु घाटी सभ्यता की भाषा द्रविड़ पूर्व (प्रोटो द्रविड़ीयन) भाषा थी। भाषा को लिपियों में लिखने का प्रचलन भारत में ही शुरू हुआ। प्राचीनकाल में ब्राह्मी लिपि और देवनागरी लिपि का प्रचलन था। इसमें ब्रह्मी लिपि इस क्षेत्र की मुख्य लिपि थी।
 
9. सिंधी भाषा अरबी लिपि स्टाइल से यानि दाएं से बाएं लिखी जाती है। इसमें 52 अक्षर होते हैं। जिसमें 34 अक्षर फारसी भाषा के हैं और 18 नए अक्षर है। अरबी-सिंधी लिपि- 52 वर्ण (अरबी के 28 वर्ण, फारसी के 3 वर्ण), देवनागरी लिपि- हिंदी वर्णमाला से देवनागरी सिंधी वर्णमाला में अधिक वर्ण- ख, ग, ज़, फ़, ग, ज, ड, ब। गुजराती लिपि- गुजराती लिपि में सिंधी भाषा लिखने की परंपरा पिछली सदी से ही देखाई देती है। सिंध में थरपारकर लिजा के लोग इस लिपि का अधिक प्रयोग करते हैं। 
 
10. सिंधी की प्रमुख बोलियों में सिराइकी, विचोली, लाड़ी, लासी, थरेली या धतकी, कच्छी प्रमुख है। 'उ' से समाप्त होने वाले शब्द सिंधी भाषा में प्राचीन प्राकृत मूल से आए हैं। सिंधी भाषा ने कई प्राचीन शब्द और व्याकरण स्वरूपों को सुरक्षित रखा है, जैसे झुरूया से झुरू (प्राचीन), वैदिक संस्कृत के युति से जुई स्थान तथा प्राकृत वुथ्या से वुथ्थो बारिश हुई जैसे शब्द हैं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

बढ़ती उम्र में भी रिंकल्स-फाइन लाइंस नहीं आएंगी नजर, बस करें ये काम