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मजदूरों की सत्ता और कार्ल मार्क्स जयंती

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5 मई को मार्क्स की जयंती मनाई गई, लेकिन इस महापुरुष को "कार्ल मार्क्स" बनाने में हम जिस प्यार की कहानी को भूल रहे हैं, उन्हें भी अगर याद कर लें, तो प्रेम की इस अनोखी कहानी से हमें नई सीख मिलेगी। उनकी प्रेमिका ने आत्मविश्वास खो चुके व्यक्ति को इतना बड़ा इंसान बना दिया, परंतु आज ऐसी प्रेमिका शायद ही किसी सच्चे प्रेमी नसीब हो ! प्रेम कहानी की बात जब-जब आती है तो दिमाग बस 'रोमांस' के मायाजाल में फंसते हुए हम न जाने कहां से कहां तक की यात्रा शुरू कर देते हैं?
 
परंतु उनकी प्रेम कहानी बॉलीवुड में दिखाए जाने वाली प्रेम कहानी जैसी तो थी नहीं, क्योंकि जब 'मार्क्स' निराशावादी दौर से गुजर रहे थे, उनके विचारों को कोई सुन नहीं रहा था। तब जैनी उनकी प्रेमिका (बाद में मार्क्स की पत्नी) ने उनके विचारों को सुना-समझा और उनके विचारों को प्लेटफॉर्म देने के लिए 'खुले मार्केट' में लेकर गई। यह मार्केट आज का 'सोशल मीडिया' जैसा हो गया है। जैनी ने उन्हें एक ऊंचे जगह पर खड़े होकर बोलने के लिए कहा, परंतु मार्किट में प्रथम दिन उनके विचारों को किसी ने नहीं सुना, यानी फेसबुक की तरह 'न तो उन्हें लाइक मिला या न ही कमेंट'। लेकिन जैनी तो 'मार्क्स' का हौसला बढ़ाती रही। मार्क्स में भी आत्मविश्वास भरता चला गया और एकदिन यह व्यक्ति पूरी दुनिया में छा गया ।
 
 यूरेका-यूरेका 

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