Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

लघुकथा समकालीन समय की संवेदना के साथ बातचीत करती है - नरहरि पटेल

हमें फॉलो करें लघुकथा समकालीन समय की संवेदना के साथ बातचीत करती है - नरहरि पटेल
लघुकथा में संवेदना, रिश्ते, साहित्य को समझना आवश्यक है। लघुकथाकार लघुकथा के माध्यम से समकालीन समय की संवेदना के साथ बातचीत करती है।
 
 उपरोक्त विचार नगर की साहित्यिक संस्था 'क्षितिज' द्वारा आयोजित तृतीय अखिल भारतीय लघुकथा सम्मेलन में श्री नरहरि पटेल के द्वारा व्यक्त किए गए। 
 
श्री मध्यभारत हिंदी साहित्य समिति में आयोजित कार्यक्रम में साहित्य अकादमी के निदेशक श्री विकास दवे ने मुख्य अतिथि के रूप में कहा कि- साहित्य जगत में और अलक्ष्य कलमों को रेखांकित किया जाना आवश्यक है। जिस तरह  संयुक्त परिवार में दादा- दादी एवं अन्य वरिष्ठ सदस्यों के साथ नाती-पोते भी रहते हैं लेकिन नाती पोतियों की धमाल सबसे ज्यादा आकर्षित करती है, उसी तरह इन दिनों साहित्य जगत लघुकथा की लोकप्रियता इस धमाल के स्तर की ही है। साहित्य में लघुकथा के क्षेत्र में बहुत काम हो रहा है,इसमें साक्षात्कार विशेषांक जैसा उपक्रम निकलना चाहिए।
 
अनुवाद विधा से लघुकथा को समृद्ध किया जा सकता है। महर्षि अरविंद, महर्षि दयानंद सरस्वती के अवदान को अनुवाद में रेखांकित किया जाना आवश्यक है। 

webdunia
आयोजन में डॉ. कमल चोपड़ा दिल्ली, डॉ रामकुमार घोटड, चूरू,राजस्थान को क्षितिज लघुकथा शिखर सम्मान, डॉ पुरुषोत्तम दुबे को लघुकथा समालोचना सम्मान, डॉ योगेंद्र नाथ शुक्ला, ज्योति जैन को लघुकथा समग्र सम्मान, दिव्या राकेश शर्मा गुरुग्राम, अंजू निगम देहरादून को लघुकथा नवलेखन सम्मान प्रदान किया गया।
 
कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा सरस्वती पूजन के साथ हुआ। सरस्वती वंदना विनीता द्वारा शर्मा द्वारा प्रस्तुत की गई। संस्था अध्यक्ष श्री सतीश राठी के स्वागत भाषण के साथ कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। सम्मान समारोह के अध्यक्ष वरिष्ठ साहित्यकार श्री नरहरी पटेल ने अध्यक्षीय उद्बोधन में, साहित्य मनीषी श्यामसुंदर दास, डॉ.सुमन, सतीश दुबे का पुण्य स्मरण भी किया। 
 
इस प्रसंग पर साहित्यिक अवदान हेतु श्री नरहरि पटेल को क्षितिज मालव गौरव सम्मान, श्री शरद पगारे एवं श्री सत्यनारायण व्यास को क्षितिज समग्र जीवन साहित्यिक अवदान सम्मान, डॉ विकास दवे को साहित्य गौरव सम्मान, डॉ अर्पण जैन को भाषा सारथी सम्मान प्रदान किए गए। 
 
श्री राज नारायण बोहरे, नंदकिशोर बर्वे, चरण सिंह अमी,अंतरा करवड़े, डॉ वसुधा गाडगिल को भी विशिष्ट सम्मानों से सम्मानित किया गया। इसी श्रृंखला में क्षितिज की अनुवाद उपक्रम संस्था,भाषा सखी द्वारा श्री सतीश राठी, श्री अश्विनी कुमार दुबे, श्री दीपक गिरकर, श्री राम मूरत राही को भी सम्मान प्रदान किए गए।  
 
इसके पश्चात क्षितिज संस्था के द्वारा प्रकाशित संवादात्मक लघुकथा अंक एवं विभिन्न विधाओं में लिखी गई कुछ पुस्तकों का लोकार्पण भी हुआ। सत्र का संचालन अंतरा करवड़े ने किया। सत्र का कृतज्ञता ज्ञापन श्री सतीश राठी ने किया।
 
सम्मान सत्र के पश्चात लघुकथा पर केंद्रित तीन सत्रों का आयोजन किया गया,जिसमें द्वितीय सत्र लघुकथाओं के परिप्रेक्ष्य में भाषा साहित्य और आधुनिक तकनीक की भूमिका पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। इसमें वरिष्ठ साहित्यकार श्री राज नारायण बोहरे अध्यक्ष थे। कांता राय व अंतरा करवड़े चर्चाकार थी। मॉडरेटर वसुधा गाडगिल थी। इस चर्चा में लघुकथा के माध्यम से देवनागरी लिपि और हिंदी भाषा को अंतरराष्ट्रीय फलक तक पहुंचाने पर विचार व्यक्त किए गए।
 
तृतीय सत्र आपदा कालीन साहित्य सृजन का दूरगामी प्रभाव विषय पर था जिसमें अध्यक्ष चूरु राजस्थान से पधारे डॉ. राम कुमार घोटड थे, श्री संतोष सुपेकर, नंदकिशोर बर्वे व सीमा व्यास इसमें शामिल हुए। इस सत्र में आपदाकालीन साहित्य सर्जना और आगामी पीढ़ी पर प्रभाव को लेकर विचाराभिव्यक्ति की गई।
 
 सत्र का संचालन अदिति सिंह भदौरिया ने किया।
 
 चौथे सत्र में विभिन्न विषयों पर केंद्रित चयनित लघुकथाओं का वाचन किया गया। इस सत्र का संचालन विनीता शर्मा ने किया। समूचे आयोजन का आभार सचिव श्री दीपक गिरकर ने किया।

सम्मेलन में संतोष सुपेकर, राममूरत राही, उमेश कुमार नीमा,दिलीप जैन, ज्योति जैन का उल्लेखनीय सहयोग रहा। इस तरह अत्यंत गरिमामय आयोजन में लघुकथा को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फलक तक ले जाने, पोषित-पल्लवित करने के लिए मूर्धन्य लघुकथाकारों द्वारा विचार-मंथन, साधक-बाधक चर्चा कर लघुकथा विधा को समृद्ध करने का सार्थक आयोजन संपन्न हुआ।
ALSO READ: संस्था क्षितिज द्वारा तृतीय अखिल भारतीय लघुकथा सम्मेलन का आयोजन 26 सितंबर को
webdunia

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

कविता : संजा के मीठे बोल