Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

डॉ. अभिज्ञात 'अनहद कोलकाता और तृतीय मनीषा त्रिपाठी' सम्मान से अलंकृत

Advertiesment
हमें फॉलो करें manisha tripathi smriti samman to dr abhigyaat

WD Feature Desk

Dr abhigyaat 
 
कोलकाता। अनहद कोलकाता और मनीषा त्रिपाठी फाउंडेशन द्वारा स्थापित तृतीय मनीषा त्रिपाठी स्मृति सम्मान कवि, कहानीकार, अभिनेता, चित्रकार डॉ. अभिज्ञात को उर्दू के वरिष्ठ लेखक फ़े सीन एजाज़ की अध्यक्षता में संपन्न हुए एक कार्यक्रम में दिया गया। डॉ. अभिज्ञात को मानदेय, प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिह्न और उत्तरीय प्रदान किया गया और उनकी रचनाओं पर चर्चा की गई। 
 
अध्यक्षीय वक्तव्य में फ़े सीन एजाज़ ने कार्यक्रम की रूपरेखा की सराहना करते हुए अभिज्ञात को बहुमुखी प्रतिभा संपन्न रचनाकार कहा।
 
आयोजक डॉ. विमलेश त्रिपाठी ने मंचासीन वक्ताओं का परिचय देते हुए स्वागत वक्तव्य दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह सम्मान नहीं है, वरन एक कला साधक की रचनात्मकता को महत्व देना और उसके साथ खड़ा होना है। डॉ. गीता दुबे ने अभिज्ञात के साहित्यिक योगदान पर विस्तार से चर्चा की। 
 
शैलेंद्र शान्त ने मनीषा त्रिपाठी की स्मृति में आयोजित अनहद कोलकाता सम्मान की प्रशंसा करते हुए इसे साहित्य, कला के लिए एक अच्छा प्रयास कहा। महाराष्ट्र से आए कवि-अनुवादक एवं साहित्याक्षर और हिंदी अनुसंधान केंद्र के प्रमुख डॉ. संजय बोरुडे ने अपनी हिन्दी कविताओं का पाठ करते हुए इस बात पर जोर दिया कि हमें हिन्दुस्तान की भिन्न-भिन्न भाषाओं के साथ मिलकर काम करना चाहिए। गया से आए कवि सुरेंद्र प्रजापति ने अपनी कविताओं का पाठ किया। वे पेशे से किसान हैं और गांव में रहकर महत्वपूर्ण कविताएं लिख रहे हैं। 
 
कार्यक्रम के दौरान संजय बोरुडे द्वारा विमलेश त्रिपाठी की चुनी हुई कविताओं के मराठी अनुवाद की पुस्तक 'कवितेपेक्षा दीर्घ उदासी' का विमोचन भी मंचासीन अतिथियों द्वारा किया गया। डॉ. अभिज्ञात ने अपने वक्तव्य में अनहद कोलकाता सम्मान 2023 से खुद को सम्मानित किए जाने पर आभार और कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा कि यह मेरे लिए गौरव के साथ जिम्मेदारी का भी क्षण है और अपनी एक प्रसिद्ध कविता 'मेरी नाभि में बसो' कविता का पाठ किया। 
 
इस कार्यक्रम में निलय उपाध्याय, नील कमल, सेराज खान बातिश, शैलेन्द्र शान्त ने अपनी कविताओं का पाठ किया। कार्यक्रम में विनय मिश्र, दिनेश राय, प्रकाश त्रिपाठी, विनय भूषण, प्रभात मिश्र, रवि गिरि सहित कई रचनाकार एवं साहित्यप्रेमी उपस्थित थे। इस आयोजन में हिन्दी-उर्दू के कई साहित्यकारों ने भी शिरकत की। 
 
धन्यवाद ज्ञापन युगेश गुप्ता ने किया।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Netaji Birthday: नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती, जानें 30 रोचक तथ्य