Hindi author Munshi Premchand Hindi literature legends: 31 जुलाई को हिंदी साहित्य के महान उपन्यास सम्राट और कहानीकार मुंशी प्रेमचंद की जयंती है। उनका जन्म 31 जुलाई 1880 को वाराणसी के पास लमही गांव में हुआ था।
प्रेमचंद ने अपनी कहानियों और उपन्यासों के माध्यम से भारतीय समाज की सच्चाई, ग्रामीण जीवन, गरीबी, शोषण, नारी दशा और सामाजिक बुराइयों को यथार्थवादी ढंग से प्रस्तुत किया। प्रेमचंद की कहानियां आज भी हमें मानवीय मूल्यों, सामाजिक यथार्थ और नैतिक शिक्षाओं से अवगत कराती हैं। उनकी जयंती पर हम उन्हें और उनकी कालजयी रचनाओं को सादर नमन करते हैं।
मुंशी प्रेमचंद की लेखनी ने आम आदमी के दर्द को आवाज दी और उन्हें 'कलम का सिपाही' कहा जाने लगा। प्रेमचंद ने लगभग 300 से अधिक कहानियां और डेढ़ दर्जन उपन्यास लिखे। उनकी कहानियां आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं जितनी उनके समय में थीं। यहां प्रस्तुत हैं मुंशी प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानियां...
प्रेमचंद की उनकी कुछ सबसे प्रसिद्ध और कालजयी कहानियां इस प्रकार हैं:
1. ईदगाह: यह एक छोटे बच्चे हामिद और उसकी दादी अमीना के बीच के निस्वार्थ प्रेम, त्याग और गरीबी की मार्मिक कहानी है। हामिद का अपनी दादी के लिए चिमटा खरीदने का निर्णय हर किसी के दिल को छू लेता है।
2. पूस की रात: यह कहानी भारतीय किसान हल्कू की गरीबी और उस ठंड भरी रात की पीड़ा को दर्शाती है, जब वह अपने खेत की रखवाली करता है और ठंड से बचने के लिए आग का सहारा लेता है। यह कहानी किसान के शोषण और उसकी दयनीय स्थिति का चित्रण करती है।
3. कफ़न: यह कहानी सामाजिक, आर्थिक अन्याय और कर्मकांड पर एक तीखा व्यंग्य है। घीसू और माधव नामक दो आलसी पिता-पुत्र अपनी मृतक पत्नी/बहू के कफ़न के लिए मिले पैसों को शराब पीने में खर्च कर देते हैं। यह कहानी समाज की विडंबना और अमानवीयता को उजागर करती है।
4. बड़े घर की बेटी: यह कहानी एक बड़े ज़मींदारी परिवार की बहू आनंदी के धैर्य, समझदारी और त्याग को दर्शाती है। आनंदी कैसे परिवार में बिखराव को रोकती है और रिश्तों को संभालती है, यह इस कहानी का मुख्य बिंदु है।
5. बड़े भाई साहब: दो भाइयों के संबंधों और शिक्षा को लेकर सोच की मनोरंजक प्रस्तुति दर्शाती कहानी।
6. ठाकुर का कुआं: यह कहानी जात-पात और सामाजिक असमानता की मार्मिक झलक दिखाती है।
7. नमक का दरोगा: यह कहानी ईमानदार दरोगा वंशीधर और भ्रष्ट मुंशी अलोपीदीन के बीच नैतिकता और धन के संघर्ष को दर्शाती है। अंत में सत्य और ईमानदारी की जीत होती है।
8. पंच परमेश्वर: यह कहानी जुम्मन शेख और अलगू चौधरी की दोस्ती और न्यायप्रियता को दर्शाती है। यह बताती है कि जब कोई पंच की गद्दी पर बैठता है, तो वह निष्पक्ष होकर न्याय करता है।
9. दो बैलों की कथा: यह कहानी हीरा और मोती नामक दो बैलों की दोस्ती, स्वामी भक्ति और आजादी के प्रति उनके प्रेम को दर्शाती है। यह कहानी प्रतीकात्मक रूप से स्वतंत्रता संग्राम के आदर्शों को भी छूती है।
10. बूढ़ी काकी: यह कहानी एक बूढ़ी महिला की उपेक्षा और पारिवारिक रिश्तों में संवेदनहीनता की मार्मिक कथा है। काकी को परिवार के सदस्यों द्वारा कैसे भोजन और सम्मान से वंचित रखा जाता है, यह दिखाया गया है।
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