Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

अनुज लुगन को मिला युवा साहित्य अकादमी, गोविंद शर्मा को बाल साहित्य पुरस्कार

Advertiesment
हमें फॉलो करें Sahitya Akademi Award
हिन्दी के चर्चित युवा कवि अनुज लुगन समेत 23 उभरते रचनाकारों को साहित्य अकादमी का युवा  लेखक पुरस्कार दिया जाएगा जबकि इस वर्ष का बाल साहित्य पुरस्कार हिन्दी के गोविन्द शर्मा समेत 22 लेखकों  को दिया जाएगा।
 
इसके अलावा बंगला की प्रसिद्ध लेखिका नवनीता देवसेन को बाल साहित्य में संपूर्ण योगदान के लिए यह पुरस्कार  मिलेगा। इसके साथ ही 5 अन्य लेखकों को भी संपूर्ण योगदान के लिए यह पुरस्कार मिलेगा। उर्दू में मोहम्मद  खलील जबकि संस्कृत में संजय चौबे इस पुरस्कार से नवाजे जाएंगे।
 
साहित्य अकादमी के सचिव के. श्रीनिवास राव द्वारा शुक्रवार को यहां जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार अध्यक्ष  चन्द्रशेखर कम्बार की अध्यक्षता में कार्यकारिणी की बैठक में इन पुरस्कारों को मंजूरी दी गई। लुगन की लंबी  कविता की पुस्तक 'बाघ और सुगना मुंडा की बेटी' को यह पुरस्कार दिया जाएगा। इसके निर्णायकों में एकांत  श्रीवास्तव अल्पना मिश्र और प्रोफेसर मोहन थे। अनुज को पुरस्कार में 50 हजार रुपए की राशि, एक प्रशस्ति पत्र  और प्रतीक चिन्ह एक समारोह में दिया जाएगा।
 
शर्मा की बाल कहानी की किताब 'काचू की टोपी' के लिए बाल साहित्य अकादमी पुरस्कार 14 नवंबर को एक  समारोह में दिया जाएगा। उनकी चयन समिति में डॉ. अचुत्यानंद मिश्र, हनुमान प्रसाद शुक्ल और नरेन्द्र मोहन  थे। शर्मा को पुरस्कार में 50 हजार रुपए का चेक, प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिन्ह प्रदान किया जाएगा। 
मैथिली भाषा के लिए बाल साहित्य पुरस्कार की घोषणा की जाएगी।
 
विज्ञप्ति के अनुसार मैथिली के लिए युवा पुरस्कार की घोषणा बाद में होगी। इस बार युवा पुरस्कार पाने वालों में  11 कवि, 6 कहानीकार, 5 उपन्यासकार और 1 आलोचक शामिल है। अंग्रेजी के लिए यह पुरस्कार तनुज सोलंकी,  राजस्थानी के लिए कीर्ति परिहार और उर्दू के लिए सलमान अब्दुस समद को मिलेगा।
 
सिन्धी में वीणा श्रृंगी, तमिल में देवी नच्चप्प्न, ओड़िया में बिरेन्द्र कुमार सामंत्रे, मलयालम में मलायाथ अप्पुनी  और गुजरती में कुमारपाल देसाई को संपूर्ण योगदान के लिए बाल साहित्य पुरस्कार दिया जाएगा। (वार्ता)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

फादर्स डे स्पेशल : आखिर बाप हूं तुम्हारा...