कोई साहित्य में हो और काफी ग्लेमरर्स भी हो यह बहुत कम देखने को मिलता है, साहित्यकार या लेखक अक्सर खुद को लो प्रोफाइल रखते हैं और ट्रेडिशनल ही नजर आते हैं, लेकिन साहित्य में शोभा डे एक ऐसा नाम है, जो इसके ठीक उलट है।
शोभा डे खूबसूरत और आकर्षक शख्सियत हैं, इसके साथ ही वे बेहद ग्लेमरर्स तरीके से भी रहती हैं। वे न सिर्फ अपने लेखन के लिए बल्की विवादों के लिए भी जानी जाती हैं। आज 7 जनवरी को उनका जन्मदिन है, आइए जानते हैं साहित्य की इस फैशनेबल लेखक के बारे में।
शोभा डे का जन्म 7 जनवरी, 1948 को महाराष्ट्र के मुंबई में गौड सारस्वत ब्राह्मण परिवार में हुआ। शोभा ने अपनी स्कूल की शिक्षा मुंबई के क़्वीन मैरी स्कूल से पूरी की जबकि स्नातक मुंबई के सेंट जेवियर्स कॉलेज से मनोविज्ञान में हुईं।
जानकर हैरानी होगी कि शोभा डे बचपन में राज्य स्तर की एथलीट रहीं हैं। उन्होंने लंबी कूद और दौड़ में रिकॉर्ड बनाया था। इसके साथ ही वे हॉकी, बास्केटबॉल भी खेलती थीं। लेकिन उन्होंने खेल छोड़ दिया जब उन्हें 17 साल की उम्र में मॉडलिंग का प्रस्ताव मिला। उनके माता-पिता ने मॉडलिंग का विरोध किया, लेकिन शोभा डे ने कई बड़ी कंपनियों के लिए मॉडलिंग की, जिसमें एयर इंडिया, बॉम्बे डाइंग शामिल हैं।
शोभा डे मॉडलिंग छोड 1970 में पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ीं। इसके बाद स्टारडस्ट, सोसायटी, सेलेब्रेटी मैगजीन की एडीटर बनीं। स्टारडस्ट मैगजीन मुंबई से निकाली जाती है। इसे 1970 में शुरू किया गया था। शोभा डे इसके शुरुआती संपादकों में से एक थीं। उन्होंने 1980 में टाइम्स ऑफ इंडिया के संडे मैग्जीन सेक्शन में भी काम किया है। आज भी इनके साप्ताहिक कॉलम अखबारों में छपते हैं।
फिल्म उद्योग को अलग-अलग दौर में करीब से देखने वाली लेखिका शोभा डे ने बॉलीवुड सितारों की लाइफस्टाइल के बारे में भी लिखा है। स्टारी नाइट्स सोचा न था, जीने के रहस्य इनकी प्रसिद्ध पुस्तकें हैं। स्टारी नाइट्स बॉलीवुड के फ़िल्म स्टार की ज़िंदगी पर आधारित है। इस पुस्तक को इतनी प्रसिद्धि मिली कि इसका हिंदी, पुर्तगाल, फ्रेंच, जर्मन, रूसी, स्पेनिश और दुनिया की लगभग सभी भाषाओं में अनुवाद किया गया।
एथलीट, उपन्यासकार, लेखिका, मॉडल, पत्रकार, छह बच्चों की मां शोभा डे पिछले साल अगस्त में तब विवादों में आईं जब उन्होंने ट्वीट करते हुए तेलंगाना को अलग राज्य बनाने की तैयारी के बीच मुंबई को भी महाराष्ट्र से अलग करने की बात कह डाली। इस ट्वीट के बाद कई राजनीतिक दलों ने शोभा डे को आड़े हाथों लिया और उनकी कड़ी आलोचना की। अब भी वे कई बार किसी न किसी विषय को लेकर सुर्खियों में रहती हैं।