इंदौर शहर की प्रतिष्ठित संस्था आपले वाचनालय के संस्थापक संस्कृति पुरुष वसंत राशिनकर की स्मृति में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले अ. भा. सम्मान समारोह का गरिमापूर्ण आयोजन आपले वाचनालय सभागृह में संपन्न हुआ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ. विकास दवे ने आपले वाचनालय को संस्कृति संवर्धन और संरक्षण का अद्वितीय केंद्र निरूपित करते हुए वसंत राशिनकर के निस्वार्थ सामाजिक योगदान को आदरपूर्वक याद किया।
मराठी अकादमी के पूर्व निदेशक अश्विन खरे और अध्यक्ष विद्वान मधुसुदन तपस्वी ने संस्था द्वारा किए जा रहे रचनात्मकता के सम्मान का जिक्र करते हुए अपने उद्बोधन में कवि, मूर्तिकार और समाजसेवी वसंत राशिनकर द्वारा आपले वाचनालय के माध्यम से समाज मे किए जा रहे कार्यों की भूरी-भूरी प्रशंसा की।
इसके पूर्व प्रसंग वक्ता के रूप में उपस्थित वरिष्ठ पत्रकार अनिलकुमार धड्वईवाले ने अपने आत्मीय और प्रभावी संबोधन में न सिर्फ वसंत जी के कार्यों और समर्पण को शिद्दत से याद किया वरन् उन्हें शहर की सांस्कृतिक धरोहर निरूपित किया। आपले वाचनालय व श्री सर्वोत्तम के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस सम्मान समारोह में नाशिक के प्रतिभाशाली कवि राजू देसले को समारोह के सर्वोच्च सम्मान कविवर्य वसंत राशिनकर स्मृति अ. भा. सम्मान से सम्मानित किया गया।
उल्लेखनीय कृतियों को दिए जाने वाले वसंत राशिनकर काव्य साधना अ. भा. सम्मान से मुंबई से आए राराविकर, अहमदनगर के संदीप काले के अलावा सोलापुर के डॉ. शिवाजी नारायणराव शिंदे, वसई की डॉ. पल्लवी परुलेकर बनसोडे, पुणे के डॉ. साईनाथ पाचारने, चंद्रपुर के विद्ध्याधर बन्सोड, मालेगांव के संतोष विट्ठल कांबले, औरंगाबाद के हबीब भंडारे को भी सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर अच्युत पोतदार प्रदत्त रामू भैया दाते स्मृति पुरस्कार शिक्षा के क्षेत्र में विशिष्ट उपलब्धी पाने वाले भूषण राजुरकर को प्रदान किया गया। उत्तरार्द्ध में वरिष्ठ कवयित्री अलकनंदा साने की अध्यक्षता में प्रभावी मराठी कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।
इस काव्य यात्रा में इंदौर, अहमदनगर, मुंबई, सोलापुर, नाशिक, के कवि मेधा खिरे, उमेश थोरात, अरुणा व मनीष खरगोणकर, विश्वनाथ शिरढोणकर, दीपक देशपांडे, ज्ञानेश्वर तिखे, जया गाडगे, सुषमा अवधूत, संदीप काले, वीणा राराविकर, गजानन तपस्वी, रोहिणी कुलकर्णी, अतुल केकरे, राधिका इंगले, वैशाली पिंगले, अर्चना शेवड़े, आभा निवसरकर, ऐश्वर्या डगावकर, डॉ. वसुधा गाडगिल, वैजयंती दाते ने अपनी विविध रंगी कविताओं से श्रोताओं को अभिभूत किया।
इस प्रसंग पर सम्मानित रचनाकारों ने भी अपनी रचनाओं का पाठ किया। इस कार्यक्रम का संचालन जया गाडगे और श्रीति राशिनकर ने किया। मनोहर शहाणे द्वारा गाई सरस्वती वंदना के बाद अतिथियों का स्वागत सर्वश्री अरुण डिके, दीपक शिरालकर, दीपक देशपाडे ने किया और आभार माना संदीप राशिनकर ने। इस अवसर पर कार्यक्रम में बड़ी संख्या में सुधि श्रोता उपस्थित थे।