विश्व पुस्तक दिवस हर साल 23 अप्रैल को मनाया जाता है। यह इसलिए मनाया जाता है क्योंकि इस दिन कुछ प्रसिद्ध लेखकों का निधन भी हुआ था तो किसी का जन्म भी हुआ था। इस दिन को मनाने की शुरुआत यूनेस्को में 23 अप्रैल 1955 से हुई। जिसका मुख्य उद्देश्य लोगों को किताबों के प्रति जागरूक करना।
समूची दुनिया में इस दिन को सेलिब्रेट किया जाता है। अलग-अलग तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। स्वीडन में वर्ल्ड बुक डे पर लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है, तो कहीं पर किस्सागोई का प्रोग्राम किया जाता है। हालांकि कोविड-19 के कारण इस साल किसी तरह का आयोजन नहीं किया जा रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं किताबों में बहुत कुछ पढ़ने, समझने, सुनने और देखने को मिलता है। तो इस खास दिवस के मौके पर आपको बताते हैं किताबों की अहमियत -
- किताबें पढ़ने से आपका ज्ञान बढ़ेगा। जिस क्षेत्र में आपकी रूचि है उससे जुड़ी बुक्स पढ़ना शुरू कर दें। ताकि आप जल्द से जल्द उस क्षेत्र के बारे में अधिक से अधिक जान सकें।
- अगर आपको लिखना पसंद है लेकिन शब्दों की कमी से अपने विचारों को नहीं लिख पा रहे हैं तो आपको किताबें पढ़ना शुरू कर देना चाहिए। उन शब्दों को आप अलग से डायरी बनाकर लिख सकते हैं। इससे आपके पास शब्दकोष तैयार हो जाएगा।
- किसी भी तरह की भाषा पर पकड़ बनाने के लिए शब्दों का सही चयन करना बहुत जरूरी होता है। वह आपको सिर्फ किताबों में ही मिल सकता है। फिर चाहे आप अंग्रेजी में ही परफेक्ट होना चाहते हो। इसके लिए भी आपको इंग्लिश नॉवेल्स का ज्ञान होना जरूरी है।
- अच्छे-अच्छे लेखकों को पढ़ें। जैसे- प्रेमचंद, हरिवंशराय बच्चन, धर्मवीर भारती, महादेवी वर्मा, जयशंकर प्रसाद, सुमित्रानंदन पंत सहित तमाम लेखक हैं। कई लेखकों ने अपनी लेखन से युग भी बना दिए है। इसमें से एक हैं भारतेंदु युग। तो किसी ने देश में क्रांति ला दी है।
-आपने अक्सर देखा होगा कई लोग किताबों को सूंघते भी हैं, क्योंकि वे जानते हैं किताबों की खुशबू में कितना सुकून छिपा होता है जैसे हल्की बारिश में मिट्टी की सौंधी-सौंधी खुशबू में।