Biodata Maker

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

तीन 'सु'लेखिकाओं का सुंदर संवाद

सूर्यबाला, सुधा अरोड़ा व सुनीता जैन का रचना पाठ

Advertiesment
हमें फॉलो करें सार्थक संवाद
स्वाति शैवाल
ND
इंदौर। गर्मी की तपती और उमस भरी शाम में दूरदर्शन केंद्र का वह कमरा थो़ड़ा राहत भरा था। यह राहत दो मायनों में मिल रही थी। जिनमें से एक तकनीकी थी यानी कमरे में एयरकंडीशनर का होना और दूसरा उसी कमरे में हिन्दी की ख्यात रचनाकारों का सुधिजनों से रूबरू होना। कुछ अपनी कहने और बहुत सारी उनकी सुनने को समय तो कम था फिर भी जो मिला उसने पूरी शाम का लुत्फ दे दिया।

दूरदर्शन केंद्र इंदौर ने मंगलवार शाम 'रचना समय' कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें हिन्दी लेखन क्षेत्र से जु़ड़ी ख्यात महिला रचनाकारों ने शिरकत की। इनमें प्रसिद्ध कहानी लेखक सुधा अरो़ड़ा, सूर्यबाला तथा कवियत्री पद्मश्री डॉ. सुनीता जैन शामिल थीं। कार्यक्रम में उनके रचना पाठ के साथ ही चर्चा का दौर भी चला। थोड़ी हँसी और खिलखिलाहटें भी बिखरीं और कुछ तंज देती बातों ने दिमाग में प्रश्न भी खड़े कर दिए। सर्वप्रथम अपनी कुछ चुनी हुई कविताओं द्वारा डॉ. सुनीता जैन ने सामाजिक तथा पारिवारिक परिस्थितियों पर सवाल खड़े किए। घर के एक कोने में पड़े सामान से बुजुर्ग तथा नक्सलवाद की बली चढ़ते युवकों के हालात उन्होंने कविताओं के जरिए बयान किए। उनकी एक कविता की कुछ पंक्तियाँ देखिए-
हर घर में कोई शर्मनाक कहानी है तो वो
जवान बेटी के किसी के साथ भाग जाने की नहीं
वह कहानी है दादी के खाँसने पर
दरवाजा बंद करने क

कथाकार सुधा अरो़ड़ा ने अपनी कहानी 'तीसरी बेटी के नाम' में स्त्रियों के साथ घटे बर्बर वाकयों की पड़ताल की। यह कहानी चर्चित नैना साहनी हत्याकांड से प्रेरित थी। वहीं सूर्यबालाजी ने दांपत्य जीवन पर आधारित एक व्यंग्य रचना का पाठ किया। यह रचना वाचाल पत्नी तथा अल्पभाषी पति के बीच की कही-अनकही को मजेदार तरीके से प्रस्तुत करती है। कथाकार कृष्णा अग्निहोत्री ने 'मुआवा' नामक कहानी का पाठ किया। हालाँकि कुछ तकनीकी व्यवधानों ने कार्यक्रम के प्रारंभ होने में विलंब डाला, लेकिन रचनाकारों को सुनने की उत्कंठा तथा धैर्य दोनों ही श्रोताओं के साथ बने रहे।

तीनों ही रचनाकारों ने श्रोताओं की संख्या का दिल से स्वागत किया और माना कि बड़े शहरों में अक्सर मंच पर बैठे लोगों की संख्या सामने बैठे श्रोताओं से ज्यादा होती है। कार्यक्रम के प्रारंभ में केंद्र की प्रमुख गीता मरकाम एवं अभियंता संजय प्रसाद ने अतिथि रचनाकारों तथा चित्रकार मीरा गुप्ता का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन प्रभु जोशी ने किया।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi