Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

विंस्टन ‍चर्चिल : लोकतंत्र का पहरुआ

मील के पत्थर - 1

हमें फॉलो करें विंस्टन ‍चर्चिल : लोकतंत्र का पहरुआ
webdunia

जयदीप कर्णिक

मानव-सभ्यता के विकास के समय से ही नेतृत्व करने वाले 'नायक' की भूमिका प्रमुख रही है। मनुष्य के सामुदायिक और सामाजिक जीवन को उसी के समूह में से उभरे किसी व्यक्ति ने दिशा-निर्देशित और संचालित किया है। समस्त समुदाय और उस सभ्यता का विकास नेतृत्व करने वाले व्यक्ति की सोच, समझ, व्यक्तित्व और कृतित्व पर ही निर्भर रहा है।

धरती पर रेखाएं खिंची और कबीले के सरदार राष्ट्रनायकों में परिवर्तित हुए। 100 साल की लंबी अवधि में पसरी बीसवीं सदी में इन राष्ट्रनायकों ने प्रमुख किरदार निभाया। एक तरह से तमाम सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक परिवर्तनों की बागडोर ही इन महारथियों के हाथ में रही।

राजतंत्र, उपनिवेशवाद और लोकतंत्र के संधिकाल वाली इस सदी में अपने-अपने देश का परचम थामे इन राजनेताओं ने विश्व इतिहास की इबारत अपने हाथों से लिखी। इश्रृंखलमेवर्णित राजनेताओं की खासियत यह है कि उन्होंने अपने देश को एक राष्ट्र के रूप में विश्व के मानचित्र पर स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पहलकड़मेप्रस्तुसर विंस्टन चर्चिल

FILE


बीसवीं सदी ने दो विश्वयुद्धों की भयावह विभीषिकाओं को झेला है। इन दोनों ही युद्धों के दौरान संपूर्ण विश्व के सामने या तो राख के ढेर में तब्दील हो जाने या फिर तानाशाहों का साम्राज्य कायम हो जाने की क्रूर वास्तविकता बहुत करीब आकर खड़ी हो गई थी। खासतौर पर दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान जब हिटलर और मुसोलिनी के तानाशाह इरादों की स्याह चादर दुनिया को अपनी गिरफ्त में लेने का प्रयत्न कर रही थी, तब जिन राजनयिकों ने पूरी दृढ़ता के साथ इनका मुकाबला किया, सर विंस्टन चर्चिल उनमें से एक नाम है।


अपनी पहचान बन ‍चुकी फेल्ट हैट, छड़ी और हवाना सिगार के साथ थुलथुल शरीर वाले चर्चिल द्वारा द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान अपने भाषणों और सभाओं में दिखाया जाने वाला 'वी' का निशान लोकतांत्रिक शक्तियों की विजय का प्रतीक बन गया है। यह वैसा ही उंगलियों के संकेत वाला 'वी' (V) था, जो आज सभी विजेता बताते नहीं थकते हैं।

webdunia
FILE


हालांकि शुरुआती दौर में चर्चिल का राजनीतिक जीवन काफी उतार-चढ़ावों भरा रहा है, लेकिन द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान जिस कुशलता और दृढ़ता से उन्होंने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के रूप में लोकतां‍त्रिक शक्तियों का नेतृत्व किया, उसने उन्हें कालजयी बना दिया।

मूलत: सैन्य पृष्ठभूमि वाले परिवार में जन्मे विंस्टन ‍चर्चिल ने भी अपने करियर की शुरुआत एक सैनिक और युद्ध संवाददाता के रूप में की। संवाददाता इसलिए कि उन्हें शुरू से ही लिखने का बेहद शौक था। 1895 से 1898 तक क्यूबा, भारत और सूडान में ब्रिटेन की फौज में तैनाती के दौरान उन्होंने युद्ध रिपोर्टिंग की।


इस सबके बावजूद जो विचार और संकल्प उनकी वैचारिक पृष्ठभूमि में सतत प्रमुखता के साथ प्रवाहमान रहा, वह था उनके पिता लॉर्ड रेन्डॉल्फ चर्चिल की एक राजनीतिज्ञ के रूप में असफलता का अफसोस। इसकी भरपाई के लिए उन्होंने राजनीति में प्रवेश की ठानी और 1901 में मात्र 26 साल की उम्र में कंजरवेटिव पार्टी के सांसद के रूप में संसद में कदम रखा। इसके बाद का उनका सारा राजनीतिक जीवन बहुत उतार-चढ़ावों भरा रहा और 1915 में जब वे ब्रिटिश नौसेना के प्रमुख राजनयिक थे, तब गैलीपॉली में अंग्रेजी और फ्रेंच नौसेना की हार के बाद अगले लगभग 25 साल चर्चिल का राजनीतिक निर्वासन का काल रहा।

webdunia
FILE


1940 में चेम्बरलिन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित होने पर चर्चिल प्रधानमंत्री बने और देश व विश्व की लोकतांत्रिक शक्तियों की आशा का केंद्र भी। 1940 में फ्रांस की पराजय के बाद जब ब्रिटेन अकेला खड़ा था और उस पर जर्मनी के आक्रमण और आधिपत्य का खतरा मंडरा रहा था, तब ‍चर्चिल ने महत्वपूर्ण सैनिक और राजनीतिक निर्णय लेकर हिटलर की पराजय में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

उन्होंने खतरा मोल लेकर मध्य-पूर्व में मुसोलिनी के खिलाफ सेना भेजी और यह महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णय साबित हुआ। स्वयं युद्धस्थलों पर जाकर, बंकरों में रहकर और रात-रातभर जागकर युद्ध के लिए रणनीत‍ि बनाने वाले ‍चर्चिल ने नकली तोपें बनवाकर उन्हें प्रदर्शित कर दुश्मन को गुमराह करने का करिश्माई काम भी कर दिखाया। इसे एक विचित्र त्रासदी ही कहेंगे कि द्वितीय विश्वयुद्ध में ब्रिटेन का पराक्रमी नेतृत्व करने के बा‍वजूद ‍चर्चिल की स्वयं की और उनकी कंजरवेटिव पार्टी की युद्ध के तुरंत बाद हुए 1945 के चुनावों में बुरी तरह हार हुई।

एक राजनयिक के अलावा चर्चिल के भीतर एक लेखक भी जीवित रहा और उनकी पुस्तक 'द हिस्ट्री ऑफ सेकंड वर्ल्ड वार' के लिए उन्हें साहित्य का नोबेल मिला।

हमारे साथ WhatsApp पर जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें
Share this Story:

वेबदुनिया पर पढ़ें

समाचार बॉलीवुड ज्योतिष लाइफ स्‍टाइल धर्म-संसार महाभारत के किस्से रामायण की कहानियां रोचक और रोमांचक

Follow Webdunia Hindi