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गुजरात के गौरव : यासीन दलाल

पत्रकारिता की 65 पुस्तकों के प्रकाशन का कीर्तिमान

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जनकसिंह झाला

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स्तरीय पत्रकारिता में अभूतपूर्व योगदान देने वाले व्यक्तियों की सूची यासीन दलाल के नाम के बिना अधूरी है। छरहरी काया, पूरा शरीर व्हील चेयर के अधीन होने के बावजूद आज भी इस शख्स में वही उमंग और जोश कायम है जो किसी नवयुवक में होता है। जिंदगी के 65 साल बिताने के बाद आज उन्हें वह सफलता प्राप्त हुई है जिसकी न जाने वह पिछले कई सालों से राह देख रहे थें। उनकी इस सफलता से एक बार फिर न सिर्फ राजकोट बल्कि पूरे गुजरात का नाम विश्व में रोशन हुआ है।

'रिपोर्टिंग के सिद्धांत', 'रेडियो रिपोर्टिंग', 'लेख लिखने की कला', 'अखबार का अवलोकन', 'क्या आप लेखक बनना चाहते है ?', और भी कई पत्रकारिता से जुड़ी एक-दो नहीं बल्कि पूरी 65 किताब लिखकर यासीन दलाल ने लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में स्थान प्राप्त किया है।

गुजरात और भारत के इतिहास में शायद यह पहला दृष्टांत है जब किसी लेखक ने पत्रकारिता पर इतनी सारी किताबों का लेखन किया हो। अगर हम यासीन की उम्र से उनके द्वारा लिखित पुस्तकों की संख्या का औसत निकालें तो यह कहना बिलकुल गलत नहीं होगा कि उन्होंने अपने अब तक जीवन के प्रत्येक साल में एक किताब की रचना की है।

गुजरात साहित्य परिषद अवार्ड से सम्मानित यासीन का जन्म 9 जून 1944 में सौराष्ट्र के एक छोटे से शहर उपलेटा में हुआ था। गुजरात यूनिवर्सिटी में स्नातक-परास्नातक की पदवी प्राप्त करने के बाद वर्ष 1881 में उन्होंने 'सौराष्ट्र में पत्रकारिता का उद्भव' विषय पर पीएचडी की।

दलाल ने विदेशों में आयोजित कई सारे अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सवों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। गुजरात के प्रसिद्ध अखबार 'गुजरात समाचार' में पिछले 20 सालों से 'विचार विहार' शीर्षक से उनका नियमित स्तंभ प्रकाशित हो रहा है।

सौराष्ट्र यूनिवर्सिटी के पत्रकारिता विभाग के प्रमुख रह चुके यासीन 'सौजन्य माधुरी' नाम की मासिक पत्रिका के संपादक हैं। उन्होंने अपने पत्रकारिता के करियर में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई व अटलबिहारी वाजपेयी, संगीतकार नौशाद, कल्याणजी, आनंदजी, गीतकार शमशाद बेगम, तलत महमूद, मन्नाडे, फिल्म निर्देशक श्याम बेनेगल और अभिनेता अमरीश पूरी जैसी कई हस्त‍ियों का साक्षात्कार लिया है।

प्रसिद्ध निर्देशक सत्यजीत रे और अभिनेत्री नूरजहाँ के जीवन को हर फिल्मप्रेमी तक विस्तार से पहुँचाया। उनकी छत्र-छाया में और कुशल मार्गदर्शन से इतने पत्रकार तैयार हुए जो आज देश के कई बड़े अखबारों में प्रखर पत्रकारिता कर रहे हैं। यासीन दलाल की बहुमूल्य उपलब्धि र हार्दिक शुभकामनाएँ।

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