घरघूले बनाते बच्चे
नदी श्रृंखला की कविताएँ -4
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प्रेमशंकर रघुवंशी
नदी किनारे
रेत पर घरघूले बनाते बच्चे
नन्ही इच्छाएँ लिए
गृह निर्माण की
कलाएँ सीख लेते
सीख लेते
किलों की रचना
और यह भी
कि कैसे कैसे
ध्वस्त किया जाता उन्हें
रेत पर घरघूले बनाते बच्चे
सीख लेते
दुनियाभर का निर्माण
और यह भी
कि कहाँ से प्रकट होकर
कहाँ तक बहेगी नदी!!
साभार:पहल