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प्रेम एक अनुभूति है
विनीता मोटलानी
प्रेम एक अनुभूति है शाश्वत रिश्तों के मर्म की सुर्ख जोड़े में लिपटे गर्व की विरक्ति से उपजे दर्द की प्रेम अनुभूति है। प्रेम एक रिश्ता है दिलों के इकरार का ममत्व के दुलार का मानवता की पुकार का प्रेम एक रिश्ता है। प्रेम दिखता है किसी मासूम-सी मुस्कान में नवविवाहिता की माँग में वीरों की आन-बान में प्रेम दिखता है। प्रेम की अनुगूँज है दिल के झंकृत तारों में बागों में बहारों में फागुन की मस्त फुहारों में प्रेम की अनुगूँज है।