Festival Posters

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

ज़मीं पे पैर रखो

Advertiesment
हमें फॉलो करें ज़मीं पे पैर रखो
ND
- रोहित जैन
ज़मीं पे पैर रखो आसमान हो जाओ
जिसे दोहराए जहाँ दास्तान हो जाओ

बेखबरी के आलम से मुल्क लरज़ाया सा है
टिके जिस पे वो संगेआस्तान हो जाओ

अगर निगाह में बस खार नज़र आते हैं
खिलाओ गुल और गुलसितान हो जाओ

मिली विरासतों में सबको है ये जीने की सज़ा
नामबर-ए-आज़ादी-ए-इन्सान हो जाओ

सब गुमनाम हैं इस लाशों के शहर में
अपनी शिनाख़्त करो और पहचान हो जाओ

घर तो कब का तेरा तब्दील हुआ दुश्वारी में
कम-अज़-कम इतना करो खुद आसान हो जाओ

सुने ही जाओगे कब तक इन्क़लाब के किस्से
उठो बढ़ो तुम भी हमज़बान हो जाओ

क्या ऐसे जीते रहने की ज़रूरत है तुम्हे
लड़ो के तुम ही यहाँ पे परवान हो जाओ

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi