सृष्टि का हर एक कण,
यह कह रहा है बार-बार।
मां भारती के लाल,
तुम जियो हजारों साल।
नवचेतना के द्वार हो तुम,
नव वंदना की राग।
तुम्हारे कुशल नेतृत्व में,
विश्व गुरु हो हिन्दुस्तान।
किसान और मजदूर करे,
तुम्हारा गुणगान।
नारी और मातृशक्ति,
कर रहे तुम्हारा बखान।
मां भारती के लाल,
तुम जियो हजारों साल।
विश्व गुरु के सिंहासन पर,
फिर से राष्ट्र को करो विद्यमान।
मां भारती के लाल,
तुम जियो हजारों साल।
रामराज्य के स्वप्न को,
आप पुन: करो साकार।
मां भारती के लाल,
तुम जियो हजारों साल।