Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

हिन्दी कविता : लगता है...

हमें फॉलो करें हिन्दी कविता : लगता है...
webdunia

राकेशधर द्विवेदी

लगता है कि 
आसमान में चांद 
छुपकर बादलों की 
ओट में छुप गया है
शायद तुम छत पर निकल आई हो। 
लगता है कि मोतियों की 
माला इन्द्रधनुष बन 
नीले आकाश पर छा गई है 
शायद तुम खिलखिलाई हो। 
लगता है आसमान में 
काले मेघ छा गए हैं
शायद तुमने अपने लंबे काले गेसुओं को 
लहराया है। 
लगता है कि
ओस की बूंद गिर कर 
सूरज की पहली किरण के साथ 
फूलों पर गिरकर मुस्कराई है 
या फिर तुमने संगीत का कोई मधुर स्वर गाया है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

मां शारदा देवी पर दो कविताएं