भर-भर अंग लगाय लेहा,
फगुआ म कसर मिटाय लेहा,
चपकाय लेहा लुकवाय लेहा।
हरा लाल सब साथे डाया,
हाथ लगाय के गोदी उठाया।
मन कय भसक मिटाय लेहा,
फगुआ म कसर मिटाय लेहा।
पकड़-पकड़ हमका नहवाया,
झुमरी तलइया ताल देखाया।
गलवा पय मुहर लगाय देहा,
फगुआ म कसर मिटाय लेहा।
कय के देखेया रौंदा रौंदी,
आवय लागे तोहका रतौंधी।
गाजा बाजा बजवाए देहा,