- अनवर हुसैन 'अणु' भागलपुरी
चलो अंधकार मिटाएं,
हर अंधेरे मन से...!
प्रदीप्त हो मन मानस,
हर एक जन-जन से...!
चलो अंधकार मिटाएं,
हर अंधेरे मन से...!
नवचेतन जागृति लाएं,
अद्भुत कुछ ऐसा कर जाएं...!
प्रस्फुटित हो मधुरता,
अलौकिक हो धरा, हर तन से...!
चलो अंधकार मिटाएं,
हर अंधेरे मन से...!
प्रेम-स्नेह की अमृत वर्षा,
अविरल बहे हर मन से...!
चल शुरुआत करे 'अनवर'
एक निवेदन जन-जन से...!
चलो अंधकार मिटाए,