Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

प्रेम पर हिन्दी कविता : रूह के रिश्ते

हमें फॉलो करें प्रेम पर हिन्दी कविता : रूह के रिश्ते
webdunia

सुशील कुमार शर्मा

चाहे कितना भी तुम मना करो,
मान भी जाओ कि तुम मेरी हो।
तपते जीवन की धूपों में,
तुम शीतल छांव घनेरी हो।
 
सब रिश्तों से फुरसत,
मिल जाए तो।
आ जाना जल्दी से,
ऐसा न हो देरी हो।
 
रूह के रास्ते पर,
हम-तुम खड़े हुए।
अब न रुकना तुम,
चाहे रात अंधेरी हो।
 
देह तुम्हारी बंटी,
हुई है रिश्तों में।
कई जन्मों तक रूह,
सदा से मेरी हो।
 
अब इतना भी तुम,
मुझको न तरसाओ।
तुम मेरे प्यार की,
जीत सुनहरी हो।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Valentines Day 25 Quotes: प्रेम, रोमांस, प्यार, लव को लेकर क्या कहते हैं विद्वान, जानिए आप भी