operation sindoor par kavita in hindi
भारत की पुण्यभूमि पर पहलगाम जैसा गुलिस्तान,
पाकिस्तान की साज़िश से धरती का स्वर्ग हुआ लहूलुहान ।।
मिटाने चले थे वो, भारत की बेटियों का सिंदूर,
सोचा न था होगा अपना ही हर घर चकनाचूर ।।
भूल गए थे वो, भारत है स्वाभिमान का देश,
शांतिदूत हैं हम, पर नहीं सहेंगे कोई क्लेश ।।
उठा ली भारत ने जब, अपने शौर्य की तलवार,
'ऑपरेशन सिंदूर' से, किया पलटकर दुश्मन पर प्रहार ।।
धरा की लाज बचाने को, उठे थे वीर बलवान।
ऑपरेशन सिन्दूर था, भारत का स्वाभिमान,
अंधेरी रात थी वो, दुश्मन का था डेरा,
गूंज उठा था जय भारती, मिटाना था आतंक का अंधेरा।।
दहले आतंकी अड्डे, थर्राए उनके आका,
मिट्टी में मिला दिए, हर पाप का खाका ।।
शांति का संदेश देते हैं, ये है हमारी पहचान,
पर डरपोक समझने की भूल न करे कोई नादान ।।
भारत है बुद्ध का अनुयायी, गांधी का अनुयायी महान,
पर शस्त्र उठाना भी जानते हैं, जब हो देश पर आन ।।
आतंक के आकाओं सुन लो, ये भारत का प्रण,
मिटाने तुम्हारे नापाक इरादे होकर रहेगा रण ।।