मैंने देखी नहीं, मां की सूरत
कहां से पाउंगा, मां का प्यार
मां करती है प्यार- दुलार
ये बतियाते हैं मुझसे - यार
मैं अनाथ ये क्या जानूं
क्या होता है मां का प्यार
बिन मां के लगते सूने त्योहार
मैंने देखी नहीं, मां की सूरत
कहां से पाउंगा, मां का प्यार
मां का आंचल, आंखों का काजल
मीठे से सपने, जैसे खो गए हों अपने
बिन मां के लगता है कोरा संसार
मैंने देखी नहीं, मां की सूरत
कहां से पाउंगा मां का प्यार
ऊपर वाले, ओ रखवाले
अंधेरों में भी, देता उजियाले
मेरी विनती सुन, दे मां का प्यार
बिन मां के कहां से पाउंगा मां का प्यार
मैंने देखी नहीं मां की सूरत
कहां से पाउंगा, मां का प्यार