Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

कविता : कितना सुन्दर लिखते हो

Advertiesment
हमें फॉलो करें कविता : कितना सुन्दर लिखते हो
webdunia

शम्भू नाथ

किताबी कीड़ा बन करके,
हमने शब्दों को तौला था।
 
महासभा के बीच में,
सुन्दर शब्दों को बोला था।
 
हर तरफ तालियां बजी थीं,
वाहवाही खूब मिलीं।
 
स्वर से अपने तार को,
हमने जब-जब खोला था।
 
महासभा के बीच में,
सुन्दर शब्दों को बोला था।
 
प्रश्न का उत्तर मिला था,
शोध और प्रतिशोध हुआ।
 
नए-नए शब्दों को अपने,
ऊंचाइयों में मैंने मोड़ा था।
 
महासभा के बीच में,
सुन्दर शब्दों को बोला था।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

समस्त विघ्नों का नाश करता हैं श्रीगणेश का यह चमत्कारी मंत्र