Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

नारी जीवन : नारी पर आधारित कविता

Advertiesment
हमें फॉलो करें नारी जीवन : नारी पर आधारित कविता
webdunia

तरसेम कौर

नारी जीवन....
आंखों से रूठी नींद
बोझिल सी पलकें
पहाड़-सी जि‍म्मेदारियां ढोती
 
कभी गिरतीं
कभी संभलतीं
सूरज के जगने से पहले
बहुत पहले
होती शुरू 
यात्रा लंबे सफर की 
 
कई मंजिलें, कई रुकावटें 
कभी उड़तीं, कभी लड़खड़ातीं 
 
नारी जीवन 
कभी निर्जन, कभी उपवन..!!

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

सिख पगड़ीधारी बास्केटबॉल खिलाड़ियों को खेलने की अनुमति मिले : अमेरिकी सांसद...