Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

कृष्ण-कृष्ण तन आज हुआ

हमें फॉलो करें कृष्ण-कृष्ण तन आज हुआ
webdunia

सुशील कुमार शर्मा

कृष्ण-कृष्ण तन आज हुआ है,
राधा-राधा मन चहका।
सुरभित-पुलकित मन है मेरा,
बगिया-सा जीवन महका।
 
अंतरमन की मधुर बेल पर,
कान्हा-कान्हा पुष्प खिले। 
नवसर्जित पुष्पित अभिलाषा,
राधा-राधा प्रेम मिले।
 
कृष्ण कर्म के हैं अधिष्ठाता,
राधा प्रेम की मर्यादा।
कृष्ण समर्पित जीवन जैसे,
राधा जीवन का वादा।
 
जीवन का उत्सव हैं राधा,
कृष्ण सत्य का भान सखे।
बरसाने की लली हैं राधा,
कृष्ण हैं बृज का मान सखे।
 
कृष्ण रहें राधा बनकर,
राधा, कृष्ण के अंदर हैं।
राधा इठलाती-सी नदिया,
कृष्ण आलंगित समंदर हैं।
 
मुरलीधर ने मुरली त्यागी,
राधा को उपहार दिया।
जीवन की सारी खुशियों को,
राधा पर ही वारि दिया।
 
प्रेम नहीं पाना होता है,
राधा ने यह सिद्ध किया।
कृष्ण से त्यागी परमेश्वर को,
त्याग से मन आबद्ध किया।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

हिन्दी कविता : आजादी...