Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

कविता : श्रीराम होना चाहिए

हमें फॉलो करें rama ki kahani

WD Feature Desk

, मंगलवार, 16 अप्रैल 2024 (19:20 IST)
-विवेक कुमार शर्मा

कोई राम बनके जीना,
इतना सरल नहीं है।
पल पल कठिन परीक्षा,
और त्याग भी वही है।
करे इनका सामना वो
श्रीराम होना चाहिए।
 
कल्याण करने जग का,
धरती पे गंगा लाए है।
प्राणों को अपने देकर,
वचनों को भी निभाए है।
ऐसे कुल के दीप को,
श्रीराम होना चाहिए।
 
दुष्टों के अनाचार से,
सतजनों को बचाते हैं।
पाषाण को भी प्राण दे,
साबरी के बेर खाते हैं।
ऐसे भक्त वत्सल को,
श्रीराम होना चाहिए।
 
राजपद का त्याग कर,
तृण घास पर सो जाते हैं।
पितृ आज्ञा मान कर,
वनवास को भी जाते हैं।
ऐसे ही पितृभक्त को,
श्रीराम होना चाहिए।
 
बंधु, सखा, पुत्र, राज,
धर्म सब निभाते हैं।
समदर्शी भाव धरे, 
सम्मान सबको देते हैं।
ऐसे ही प्रजापालक को,
श्री राम होना चाहिए।
 
मार्ग छोड़ने हेतु,
सिंधु राज को मनाते हैं।
युद्ध यदि टल जाए,
शत्रु को भी समझाते हैं।
ऐसे धीर धन्वी को,
श्री राम होना चाहिए।
 
नारायण होकर भी वे,
मर्यादा में ही रहते हैं।
साधारण मानव के जैसे,
कष्ट सभी कुछ सहते हैं।
ऐसे मर्यादा पुरुषोत्तम,
श्रीराम होना चाहिए।
 
शाश्वत है अपने राघव,
रावण तो आना जाना है।
दानव दलन है निश्चित,
खुद देवता हो जाना है।
बस, जीवंत अपने उर में,
श्रीराम होना चाहिए।
विवेक कुमार शर्मा (शिक्षक)
शास.अहिल्या आश्रम कन्या उ.मा.विद्यालय क्र. 2 इंदौर
ALSO READ: Hanuman jayanti: हनुमान जन्मोत्सव की कहानी

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

ये है आज का लाजवाब चुटकुला : मच्छर काटे तो क्या करना चाहिए